आस्था भट्टाचार्य>
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत और इस्राइल के संबंध काफी मधुर हुए हैं। ऐसे समय में जब हमास के साथ वहां की सेना युद्ध लड़ रही है, भारत ने अपना पूर्ण समर्थन दिया है। कई अवसरों पर भारत ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। हम चाहते हैं कि हमास के चंगुल से इस्राइली बंधकों को छुड़वाने में भारत मदद करे। हमें भारत पर पूरा भरोसा है। भारत में इस्राइल के दूत नाओर गिलोन ने कहा कि इस्राइल हमास के साथ लंबी लड़ाई के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने भारत के साथ दोस्ती की भी सराहना की है।
उनसे पूछ गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन एकजुटता दिखाने के लिए इस्राइल पहुंचे। आपको क्या लगता है कि यह संघर्ष किस ओर जा रहा है? उन्होंने कहा, हम बाइडेन की यात्रा की सराहना करते हैं। वह इस्राइल के सबसे बड़े दोस्त अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष हैं। जहां तक युद्ध की बात है, हमारा मानना है कि यह लड़ाई लंबी चलने वाली है। अस्पताल में हुए धमाके के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमास नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग कर रहा है।
हमारे आक्रमण से पहले उन्हें गाजा पट्टी के दक्षिणी हिस्से को खाली करने के लिए समय और चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने नागरिकों को मैदान में उतारने का फैसला किया। यह स्पष्ट है कि वे अपने नागरिकों को क्षति पहुंचाना चाहते हैं ताकि वे हमें रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बना सकें। लेकिन हम रुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक अस्पताल पर हमले की बात है तो हमास ने ही यह हमला किया । हमें बहुत दुख है कि इस्राइली बच्चों को मारने की कोशिश करते हुए हमास ने अपने बच्चों को भी मार डाला। इस्राइल को भारत से क्या उम्मीद है,
इस्राइली दूत ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, हम इस बात से अभिभूत थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया उसी दोपहर आई जब हमास ने इस्राइल पर हमला किया। उन्होंने कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात करके फिर से एकजुटता व्यक्त की। सिर्फ भारतीय प्रधानमंत्री ही नहीं, हमें यहां सभी स्तरों से समर्थन मिला है।
अधिकारी, मंत्री, नागरिक और यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी भारत के लोग इस्राइल का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम 200 से अधिक इस्राइली बंधकों की रिहाई के लिए भारत की ओर से किसी भी तरह की मदद का स्वागत करेंगे। वे अभी भी हमास आतंकवादियों के कब्जे में हैं। बंधकों में कई विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। कई देश उन निर्दोष नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हमास पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं। भारत के इन देशों से बेहतर संबंध हैं। यदि भारत उन पर दबाव डालता है तो हम स्वागत करेंगे।