संजय राय, बीमा सचिव
नई दिल्ली। भारत में बीमा व्यवसाय पिछले कुछ वर्षों से अभूतपूर्व तेजी से विकास कर रहा है। वार्षिक प्रीमियम संग्रह के आधार पर जहां यह वृद्धि दर 10.2 प्रतिशत से भी अधिक है, वहीं दुनिया भर के बीमा व्यवसाय में इसकी गिनती सबसे अधिक तेजी से बढ़ते व्यवसाय के रूप में हो रही है। एक आकलन के आधार पर वर्ष 2032 तक भारतीय बीमा व्यवसाय विश्व में दसवें स्थान से बढ़ कर छठे स्थान पर पहुंच जायेगा। बीमा विनियामक संस्था इरडा का विज़न 2047 तक भारत में सभी व्यक्तियों, सम्पत्तियों को पर्याप्त बीमा सुरक्षा प्रदान करना है।
इरडा द्वारा ग्राहकों को बेहतर विकल्प उपलब्ध करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए मानक नियम बनाये जाते रहे हैं। इनमें से प्रमुख हैं बीमा क्षेत्र में डिजिटलीकरण को बढ़ावा , बीमा डेंसिटी अथवा पैठ में सुधार, पूंजी प्रवाह बढ़ाना, मूल्यांकन में सुधार और छोटे, विशिष्ट और विशिष्ट खिलाड़ियों के प्रवेश की सुविधा के लिए नियमों की एक श्रृंखला शुरू करना। सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी है और बीमा नियामक जोखिम-आधारित पूंजी आवश्यकताओं को लागू करने की योजना बना रहा है।
नियामक ने मौजूदा नियामक सैंडबॉक्स में संशोधन का भी सुझाव दिया है जो इस क्षेत्र में और नवाचार को बढ़ावा दे सकता है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान विनियमों की समेकित ढंग से व्यापक समीक्षा करने के उद्देश्य से विनियम समीक्षा समिति का गठन किया गया है जिससे बीमा व्यवसाय के समग्र विकास हेतु नियमों का निर्माण, संशोधन द्वारा इसे जिम्मेदार, गतिशील एवं वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक बनाया जा सके इसी उद्देश्य से यह ड्राफ्ट दस्तावेज बना कर इस पर सम्बंधित हिताधिकारियों से 4 मार्च तक विचार आमंत्रित किये गए हैं।
प्रस्तावित सुधारों को मोटे तौर पर दो भागों में विभाजित किया गया है-
– भाग ए में पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा से संबंधित प्रावधान शामिल किये गये हैं।
– भाग बी में बीमाकर्ताओं के संचालन और संबद्ध मामलों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
– पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा से संबंधित प्रावधान-
– फ्री लुक अवधि : किसी भी माध्यम से प्राप्त पॉलिसियों के लिए फ्री लुक अवधि, पॉलिसी दस्तावेज़ की प्राप्ति की तारीख से 30 दिन तक मानी जाएगी।
– रिफंड के इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण को सक्षम करने और दावों के भुगतान के लिए बीमाकर्ता प्रस्ताव चरण में ही बीमाधारक के बैंक खातों का विवरण एकत्र करेगा।
– नामांकन प्राप्त होने तक जीवन बीमा के मामले में कोई पॉलिसी जारी नहीं की जाएगी।
– सामान्य, स्वास्थ्य बीमा में जहां तक संभव हो नामांकन का प्रावधान पॉलिसियों में किया जायेगा।
– परिभाषित मानदंडों को पूरा करने वाली बीमा पॉलिसियां इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी की जाएंगी।
– विज्ञापन: नियामक संस्था के पास विज्ञापन दाखिल करने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
– नए व्यवसाय स्थल का खुलना: निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करने वाले बीमाकर्ताओं के लिए किसी पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।