ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। एपल ने अपने कंपोनेंट सप्लायर्स से कहा है कि अपकमिंग आईफोन 16 के लिए बैटरी को भारत से सोर्स करें। एपल इसके जरिए अपनी सप्लाई चेन को डाइवर्सिफाई करना चाहती है। भारत और वियतनाम जैसे देशों में प्रोडक्शन को बढ़ाकर कंपनी चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने अपने चाइनीज बैटरी मैन्युफैक्चरर डीसे और अन्य मैन्युफैक्चर्स से भारत में बैटरी बनाने को फैक्टरियां लगाने के लिए कहा है। इसके अलावा एप्पल के लिए ताइवान की बैटरी सप्लायर सिम्पलो टेक्नोलॉजी से भविष्य के ऑर्डरों को पूरा करने के लिए भारत में अपनी उत्पादन क्षमता का विस्तार करने का आग्रह किया गया है।
प्लान सक्सेसफुल रहा तो बैटरी प्रोडक्शन और बढ़ाएगी
रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े लोगों के हवाले से कहा गया है कि अगर आईफोन 16 बैटरी सप्लाई का प्लान सक्सेसफुल रहा तो एपल भारत में और ज्यादा बैटरी प्रोडक्शन के लिए फैक्ट्री बढ़ाएगी।
एपल के लिए हरियाणा में 2025 से बनने लगेंगी बैटरी
हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया था कि एपल का जैपनीज सप्लायर टीडीके बैटरी सेल बनाने के लिए हरियाणा के मानेसर में 180 एकड़ एरिया में प्लांट लगा रहा है। मेड इन इंडिया आईफोन्स में इन बैटरी सेल्स का इस्तेमाल होगा। यहां मैन्युफैक्चरिंग 2025 से शुरू हो सकती है।
डीसे और सिम्पलो जैसी कंपनियां टीडीके जैसी कंपनियों के बनाए इलेक्ट्रिक सेल्स को मॉड्यूल में पैकेज करती हैं और उन्हें फॉक्सकॉन जैसे असेंबलरों को भेजती हैं। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती बिजनेस टेंशन के बीच, एपल अपनी मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन के लिए चीन पर अपनी वर्षों पुरानी निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहा है।
आईफोन मैन्युफैक्चरर लगातार वियतनाम और भारत में सप्लाई बढ़ाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, उसे अपने चाइनीज ऑपरेशन की तरह प्रोडक्शन को स्केल और स्पीड करने में परेशानी का सामना करना पड़ा है। कुछ मामलों में वो क्वालिटी मेंटेन करने में भी परेशानी आई है।
फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन के प्लांट में बने आईफोन 15
एपल ने अपना लेटेस्ट आईफोन 15 भारत और चीन में ताइवानी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन के प्लांट में बनाया। विस्ट्रॉन ने अब भारत का अपना मोबाइल फोन प्लांट टाटा को बेच दिया है। कंपनी के अनुसार फॉक्सकॉन भारत में नई प्रोडक्शन फैसिलिटी के लिए 1.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश करेगा।


















