ब्लिट्ज ब्यूरो
गाजियाबाद। हिंडन एयरबेस में आयोजित ‘भारत ड्रोन शक्ति-2023’ प्रदर्शनी में औपचारिक रूप से सी -295 परिवहन विमान को भारतीय वायु सेना में शामिल कर लिया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस अवसर पर उनके साथ वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी सहित शीर्ष सैन्य अधिकारी मौजूद थे।
भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इस दो दिवसीय कार्यक्रम की सह-मेजबानी की, जहां भारतीय ड्रोन उद्योग ने 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शनों के साथ अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों में ड्रोन की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई जिसमें सर्वेक्षण ड्रोन, कृषि ड्रोन, अग्नि शमन ड्रोन, सामरिक निगरानी ड्रोन, हेवी-लिफ्ट लॉजिस्टिक्स ड्रोन, युद्ध सामग्री प्रणाली, ड्रोन झुंड और काउंटर-ड्रोन समाधान शामिल हैं। इस कार्यक्रम में 75 से अधिक ड्रोन स्टार्टअप और कॉरपोरेट्स की भी भागीदारी देखी गई।
‘भारत ड्रोन शक्ति-2023’ में लगभग 5,000 लोग शामिल हुए, जिनमें केंद्र सरकार, राज्य विभागों, सार्वजनिक और निजी उद्योगों, सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, मित्र देशों के प्रतिनिधि, शिक्षाविदों, छात्रों और ड्रोन उत्साही लोगों के प्रतिनिधि शामिल थे।
सी-295 परिवहन विमान, जिसे औपचारिक रूप से कार्यक्रम के दौरान भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था, के भारतीय वायु सेना के एवीआरओ बेड़े की जगह लेने की उम्मीद है। यह 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनने की भारत की प्रतिबद्धता में एक और कदम है।
रक्षा मंत्रालय ने भारत में सैन्य और नागरिक, दोनों क्षेत्रों में ड्रोन के बढ़ते उपयोग पर प्रकाश डाला। वायुसेना खुफिया, निगरानी और टोही कार्यों के लिए दूर से संचालित विमानों का सक्रिय रूप से उपयोग कर रही है। भारत के उभरते ड्रोन डिजाइन और विकास क्षमताओं में भारतीय वायुसेना का भरोसा मेहर बाबा स्वार्म ड्रोन प्रतियोगिता जैसी पहलों से स्पष्ट है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी ड्रोन क्षमता का दोहन करना है।