ब्लिट्ज ब्यूरो
कानपुर। कानपुर शहर की लघु शस्त्र निर्माणी (एसएएफ) में बनने वाली मीडियम मशीन गन (एमएमजी) मैग गन का यूरोप में निर्यात किया जाएगा। यूरोप के देशों की कंपनियों को यह मशीन गन बेहद पसंद आई है। निर्माणी को अब तक का सबसे बड़ा ऑडर मिला है।
करीब दो हजार गन बनाकर भेजी जाएंगी। यह ऑर्डर तीन साल में पूरा करना है। एमएमजी से एक मिनट में एक हजार गोलियां निकलती हैं। वहीं आयुध निर्माणी ने इस साल हथियारों के उत्पादन में भी नया रिकॉर्ड बनाया है। पहली बार दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के उत्पादों का उत्पादन किया गया।
एडवांस वेपंस इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड की इकाई लघु शस्त्र निर्माणी में बनने वाली मैग गन मौजूदा समय में तीनों सेनाओं का सबसे पसंदीदा हथियार है। टैंकों, हेलीकाप्टरों, नौसेना के युद्धक जहाजों में इसका इस्तेमाल पहले से ही हो रहा है। अब इस मीडियम मशीन गन को यूरोप के देशों की कंपनियों ने पसंद किया है। निर्माणी के महाप्रबंधक सुरेंद्रपति ने बताया कि बाईपोड एमएमजी का निर्यात ऑर्डर मिल गया है। उन्होंने बताया कि 2023-24 में निर्माणी में 235 करोड़ का उत्पादन हुआ। पिछले साल 190 करोड़ का उत्पादन हुआ था। पहली बार दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का उत्पादन हुआ है।
निर्माणी में बनने वाले प्रमुख उत्पाद
अलग-अलग प्रकार की रिवाल्वर, ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कारबाइन (जेवीपीसी), मैगगन, एलएमजी बेल्टफेड मशीन गन, क्लोज क्वार्टर बैटल कारबाइन (सीक्यूबी), एके 203 के उपकरण।
खासियत : कैलिबर : 7.62 गुणा 51 एमएम
लेंथ : 1255 एमएम
वजन : 11 किलोग्राम बिना मैग्जीन के
बैरल का वजन : तीन किलो
रेंज : 1800 मीटर करीब 2 किलोमीटर
रेट ऑफ फायर : 650-1000 राउंड प्रति मिनट