ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जी20 शिखर सम्मेलन शुरू होते ही सबसे बड़ी खबर आई कि अफ़्रीकन यूनियन को जी20 में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल कर लिया गया है। यह भारत की प्राथमिकताओं में से एक कदम था। पीएम मोदी ने अविकसित देशों के विकास पर मजबूती से बात की थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकन यूनियन को आधिकारिक रूप से जी-20 ग्रुप में शामिल किए जाने का एलान किया । अब जी20 का नाम बदलकर जी21 होने की उम्मीद है। अफ्रीकन यूनियन में 55 देश शामिल हैं और जी20 में इसका शामिल होना मील का पत्थर साबित होगा जिससे यह यूरोपीय संघ के बाद जी20 के भीतर देशों का दूसरा सबसे बड़ा समूह बन जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा,”सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का विचार दुनिया के लिए मार्गदर्शक हो सकता है। यह हम सभी के लिए वैश्विक भलाई के लिए एक साथ चलने का समय है।”
– अब जी20 का नाम हो जाएगा जी21
क्या है अफ्रीकन यूनियन?
अफ़्रीकी संघ 55 सदस्य देशों का एक समूह है जो अब यूरोपीय संघ के समान दर्जा रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में अध्यक्ष अज़ाली असौमानी के प्रतिनिधित्व वाले एयू को स्थायी सदस्य के रूप में जी20 नेताओं की मेज पर सीट लेने के लिए आमंत्रित किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके घोषणापत्र में लिखा है,”हम जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करते हैं और मानते हैं कि जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने से वैश्विक चुनौतियों के समाधान में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।” इस कदम का प्रस्ताव पीएम मोदी ने जून में रखा था।
शिखर सम्मेलन में जिन अन्य मुद्दों पर निर्णय लिया गया उनमें बहुपक्षीय संस्थानों द्वारा विकासशील देशों पर ज्यादा ध्यान दिए जाने की बात शामिल है।
कब हुई स्थापना
9 सितंबर 1999 को लीबिया में सिर्ते घोषणा में अफ्रीकी संघ की स्थापना का आह्वान करते हुए एयू की घोषणा की गई थी। इसकी स्थापना 26 मई 2001 को अदीस अबाबा, इथियोपिया में हुई थी और 9 जुलाई 2002 को डरबन, दक्षिण अफ्रीका में लॉन्च किया गया था।
अफ्रीकी संघ का ट्विट
अफ्रीकी देशों ने कहा, ‘‘जी20 में शामिल किये जाने की हम लंबे समय से वकालत कर रहे थे और इस समूह में शामिल होने से वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में अधिक प्रभावी आवाज उठाने के वास्ते महाद्वीप के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।”