ब्लिट्ज ब्यूरो
कोलकाता। सूर्य के रहस्यों को समझने में जुटे भारत के सौर यान आदित्य एल1 को लेकर इसरो ने बड़ी जानकारी दी है। इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि देश की प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी का आदित्य-एल(1) सौर मिशन लगातार सूर्य के बारे में डेटा भेज रहा है। प्रमाणिक जानकारी के बलबूते पर इस क्षेत्र में भारत का दबदबा और बढ़ेगा। गौरतलब है कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में अपना चंद्रयान उतार कर दुनिया भर में डंका बजा चुका है। भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला विश्व का पहला देश बन चुका है।
कई पहलुओं पर डेटा फीड
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने यहां आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा कि अंतरिक्ष यान के कई उपकरण कई पहलुओं पर डेटा फीड करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
सूर्य मिशन पर और जानकारी देते हुए इसरो प्रमुख ने कहा, ‘हम सूर्य को निरंतर तरीके से देख रहे हैं, जिसमें पराबैंगनी चुंबकीय चार्ज गणना, कोरोना ग्राफ अवलोकन, एक्स-रे अवलोकन और अन्य चीजें शामिल हैं। भारत का पहला सौर मिशन यान आदित्य-एल(1) दो सितंबर, 2023 को लॉन्च किया गया था।
– अभी हो रही गणनाओं के नतीजे बाद में चलेंगे पता
गणनाओं का विश्लेषण दीर्घकालिक उपाय के रूप में
इसरो चीफ ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम इस उपग्रह को पांच साल के लिए रख रहे हैं और प्राप्त गणनाओं का विश्लेषण दीर्घकालिक उपाय के रूप में किया जाएगा। यह आपकी तत्काल खबर की तरह नहीं है कि आज सूर्य के बारे में कुछ बताया गया है, कल कुछ और होगा, चीजें हर दिन बदल रही होंगी।’ उन्होंने कहा कि सभी गणनाएं अभी होंगी लेकिन नतीजे बाद में पता चलेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह मिशन सूर्य ग्रहण पर प्रकाश डाल सकेगा, सोमनाथ ने कहा, ‘ग्रहण तब होता है जब सूर्य चंद्रमा द्वारा अवरुद्ध हो जाता है।
जाहिर है, हमारा मिशन ग्रहण से पहले, ग्रहण के दौरान और उसके बाद में सूर्य के बारे में डेटा भी एकत्र कर रहा है।’ अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ सहयोग के बारे में उन्होंने कहा कि इसरो एक संयुक्त उपग्रह ‘निसार’ (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार) बना रहा है।