ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्ट-अप ‘पिक्सल स्पेस’ से उपग्रह खरीदकर 2025 के मध्य तक प्रक्षेपित कर सकती है। इससे देश की सीमाओं और उससे परे भी निगरानी रखने की क्षमताएं मजबूत होंगी।
वायुसेना ने बेंगलुरू में ‘पिक्सल स्पेस’ के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। ‘पिक्सल स्पेस’ की स्थापना बिट्स पिलानी के युवा उद्यमियों अवैस अहमद और क्षितिज खंडेलवाल ने की थी। अवैस अहमद ने कहा, हम 2025 के अंत से पहले उपग्रहों को वायुसेना के पास भेज देंगे। हमने 2025 के मध्य तक का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि पिक्सल का काम उपग्रह का निर्माण करना एवं उसे वायुसेना को सौंपना है। उन्होंने कहा, वायुसेना के लिए आईडीईएक्स (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार) की बात की जाए तो संचालन हमारी चिंता का विषय नहीं है। उपग्रहों का मुख्य काम सीमाओं, अवैध परीक्षण आदि पर नजर रखना होगा लेकिन उपग्रह का संचालन हम नहीं करेंगे।
शुरू होगा ‘पृथ्वी निगरानी स्टूडियो’
पिक्सल स्पेस की एक ऐसा ऑनलाइन सॉफ्टवेयर लाने की योजना है, जिससे आप उसके उपग्रहों द्वारा पृथ्वी की खींची गई तस्वीरों को देख सकते हैं। पिक्सल स्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक अवैस अहमद ने बताया, ‘पृथ्वी निगरानी स्टूडियो’ शुरू करने की हमारी योजना है। यह अंतरिक्ष आधारित डाटा को बेहद कम शुल्क पर आम आदमी तक उपलब्ध कराने के प्रयासों का हिस्सा है। यह ‘पृथ्वी निगरानी स्टूडियो’ ‘औरोरा’ इस साल के अंत तक शुरू हो सकता है। इसमें लोग अपने आंगन की तस्वीर भी देख सकेंगे।