ब्लिट्ज ब्यूरो
जोहानिसबर्ग। पीएम मोदी ने 15वें ब्रिक्स समिट के बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत बहुत जल्द 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बन जाएगा और हम वर्ल्ड का ग्रोथ इंजन बन जाएंगे। पीएम ने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि भारत ने आपदा और कठिन समय को आर्थिक सुधारों में बदल दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में सरकार ने मिशन मोड में बदलाव किए हैं। बिजनेस करने के लिए अनुमति लेने की जो अलग-अलग नीतियां थीं, उनके भार को कम किया है। मोदी ने आगे कहा कि मौजूदा सरकार रेड टेप को हटाकर रेड कार्पेट बिछा रही है, ताकि व्यापार के विकल्प बढ़ें। पीएम मोदी के साथ मंच पर ब्राजील और साउथ अफ्रीकी प्रेसीडेंट भी मौजूद थे।
3 मिनट के भाषण में मोदी ने कहा- हम आपसी भरोसे से ही आगे बढ़ सकते हैं। डिजिटल ट्रांजेक्शन के मामले में भारत अव्वल है। ब्रिक्स देशों को इकोनॉमिक फ्रंट पर सहयोग करना होगा। भारत ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में जबरदस्त सुधार किए हैं। मैं ब्रिक्स देशों के इनवेस्टर्स को भारत में निवेश का न्योता देता हूं। इससे पहले जोहानिसबर्ग पहुंचने पर उनका स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया। उन्हें रिसीव करने के लिए साउथ अफ्रीका के उपराष्ट्रपति पॉल शिपोकोसा मैशाटाइल वाटरक्लूफ एयरबेस पहुंचे।
इस अवसर पर साउथ अफ्रीका के ट्रेडिशनल ट्राइबल डांस का आयोजन हुआ। पीएम ने एयरपोर्ट पर भारतीय मूल के लोगों से भी मुलाकात की। पीएम के होटल पहुंचने पर भारतीय मूल की एक महिला ने उन्हें राखी बांधी। तीन दिन के प्रवास के दौरान पीएम मोदी ने ब्रिक्स के कुछ सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी की।
40 देश ब्रिक्स का मेंबर बनने की रेस में
14 साल पहले 2009 में बने ब्रिक्स समूह की बैठक इस बार काफी अहम रही। इसकी एकमात्र वजह इस संगठन का सदस्य बनने के लिए मची होड़ है। 40 देशों ने संगठन में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है।
इनमें सऊदी अरब, तुर्किये, पाकिस्तान और ईरान भी शामिल हैं। इस बार की बैठक का सेंटर पॉइंट समूह का विस्तार ही रहा। हालांकि इसके पांच सदस्य देशों के बीच अभी इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है।
मोदी-जिनपिंग ने मिलाया हाथ , बातचीत भी की
साउथ अफ्रीका में 15वीं ब्रिक्स समिट के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हाथ मिलाते नजर आए। प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने से ठीक पहले दोनों नेताओं के बीच कुछ सेकेंड की बातचीत भी हुई। इससे पहले नवंबर 2022 में पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने इंडोनेशिया में हुई जी20 समिट में सीमा विवाद पर बात की थी, जिसकी जानकारी इस साल दी गई। दूसरी तरफ, ब्रिक्स संगठन में जुड़ने के लिए 6 नए देशों को न्योता दिया गया है। इनमें अर्जेंटीना, सऊदी अरब, यूएई , मिस्र, इथियोपिया और ईरान शामिल हैं। ये 1 जनवरी 2024 से ब्रिक्स के परमानेंट सदस्य बन जाएंगे।