ब्लिट्ज ब्यूरो
बारी। दुनिया के सात शीर्ष औद्योगिक देशों के समूह जी7 के शिखर सम्मेलन के अंत में जारी साझा वक्तव्य में भारत- पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) के प्रस्तावों को आगे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई गई है। इस विषय में जारी वक्तव्य में कहा गया है कि जी7 कानून के शासन के आधार पर स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही कहा गया कि गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना और निवेश के लिए परिवर्तनकारी आर्थिक गलियारे विकसित करने के लिए जी7 वैश्विक अवसंरचना और निवेश के लिए साझेदारी (पीजीआईआई) की अहम परियोजनाओं को बढ़ावा देंगे। इनमें भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर के साथ ही लोबिटो कॉरिडोर, लुजोन कॉरिडोर, मिडिल कॉरिडोर शामिल हैं।
वक्तव्य में कहा गया है कि खासतौर पर आईएमईसी को मूर्त रूप देने के लिए समन्वय और वित्तपोषण पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही ईयू ग्लोबल गेटवे, ग्रेट ग्रीन वॉल पहल और अफ्रीका के लिए इटली द्वारा शुरू की गई योजना को भी अमली जामा पहनाया जाएगा।
तंत्र की परिकल्पना
भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) परियोजना के तहत सऊदी अरब, भारत, अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और पोत परिवहन तंत्र की परिकल्पना की गई है ताकि एशिया, पश्चिम एशिया और पश्चिम के बीच जुड़ाव सुनिश्चित किया जा सके। आईएमईसी को समान विचारधारा वाले देशों ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के समक्ष रणनीतिक प्रभाव हासिल करने की पहल के रूप में पेश किया है।