नई दिल्ली। विश्व विख्यात लोकगायिका और पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा है कि भारत फिर विश्व गुरू बनने की राह पर है। दशकों तक हम लोग सोए रहे। अब देश की कमान प्रधानमंत्री मोदी के हाथ में है। अब जागरूकता आ रही है, फिर विश्व गुरू बनने का लक्ष्य सामने दिखाई दे रहा है।
अवधी, बुंदेली और भोजपुरी लोक गीतों से करोड़ों प्रशंसकों के दिलों को जीतने वाली मालिनी अवस्थी ने कहा कि हमें विभिन्न क्षेत्रों में योद्धा तैयार करने हैं। मैं स्वयं सांस्कृतिक योद्धा के रूप में सबसे आगे रहूंगी। मालिनी अवस्थी भारतीयता व हिंदुत्व को समर्पित संस्था चेतना द्वारा ‘विश्व गुरु भारत’ विषय पर दिल्ली में आयोजित सेमिनार में संबोधन कर रही थीं। उन्होंने गुरू की महिमा का बखान करते हुए कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा की ओर लौटने की नितांत आवश्यकता है। अपने संबोधन में मालिनी अवस्थी ने यह भी कहा कि गुरू तक पहुंचना है तो पहले अपने अहंकार की बलि चढ़ानी होगी।
उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम ् भारत का ही संदेश, सिद्धांत और संस्कृति है। इसी ने पूरे विश्व को एक परिवार बनाया, भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक समृद्धि का डंका बजा। मालिनी अवस्थी ने मातृशक्ति पर भी विचार रखे। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के बारे में स्मरण करवाया कि 1947 में गोरखपुर के गोरक्षनाथ मंदिर के महंत ने कहा था कि श्रीराम मंदिर बनना चाहिए। अब वह पावन, पुनीत समय आ गया है जब अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर बनने जा रहा है और संयोग देखिये कि अब गोरक्षनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। श्रीराम मंदिर निर्माण की मधुर बेला सामने है, सभी के झूमने, राम धुन गाने की बेला आ गई है।
इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन मालिनी अवस्थी के साथ पावन चिंतन धारा के संस्थापक प्रो. पवन सिन्हा, हिंदू इको सिस्टम के संस्थापक कपिल मिश्रा, रिचफ्लेम परिवार के युगल मल्होत्रा और रवि जैन व चेतना परिवार के सदस्यों द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष पवन सिन्हा ने भारत के समक्ष सांस्कृतिक चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। आयोजन के समापन में उड़ान कला महाकुम्भ के कलाकारों ने विश्वगुरु भारत के संदर्भ में शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन चेतना के अध्यक्ष राजेश चेतन ने किया।