ब्लिट्ज ब्यूरो
फिरोजाबाद। रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मंगोलिया और भारत मिलकर काम करेंगे। मंगोलिया के राजदूत गैनबोल्ड दंबजाव ने फिरोजाबाद में आयुध उपकरण निर्माणी का दौरा किया। इस दौरान ऐरावत लॉजिस्टिक्स ड्रोन को भी मंगोलिया के राजदूत ने देखा और परखा। इस ड्रोन का निर्माण मंगोलिया में भी किया जाएगा। कैसे तैयार किया गया है और यह कितने किलो का भार लेकर उड़ान भरने की क्षमता रखता है, इसको लेकर राजदूत ने जानकारी हासिल की।
इसके बाद मंगोलिया के राजदूत ने महाप्रबंधक से मंगोलिया में मिलकर काम करने की बात कही। इसी दौरान हजरतपुर निर्माणी में तैयार किए गए 40 किलो के ऐरावत ड्रोन का प्रदर्शन किया गया।
मंगोलिया और भारत मिलकर काम करेंगे
फिरोजाबाद आयुध उपस्कर निर्माणी के महाप्रबंधक अमित सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मंगोलिया और भारत मिलकर काम करेंगे। मंगोलिया और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चर्चा हुई।
मंगोलिया के राजदूत का आयुध निर्माणी में अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। राजदूत गैनबोल्ड दंबजाव की यात्रा का उद्देश्य मंगोलिया में ड्रोन और पैराशूट के लिए एक उत्पादन संयंत्र की स्थापना में सहयोग के अवसरों की खोज करना था। राजदूत और उनकी टीम को प्रशासनिक भवन में ऐरावत लॉजिस्टिक्स ड्रोन पर प्रेजेंटेशन दिया गया। इससे भारत और मंगोलिया के बीच भविष्य के सहयोग के लिए आधार तैयार हुआ।
ऐरावत ड्रोन की खासियत
महाप्रबंधक ने बताया कि हमारे यहां बनकर तैयार हुआ ऐरावत लॉजिस्टिक्स ड्रोन सभी तरह से आधुनिक है, भारतीय सेना को 40 किग्रा पेलोड की क्षमता वाले स्वदेशी तकनीक से बने ऐरावत ड्रोन बेहद पसंद आए हैं। इसमें 8 रोटर लगे हैं, जो ड्रोन को चारों दिशाओं में घुमा सकते हैं। ऐरावत 10 किमी की रेंज में सामान की डिलीवरी कर सकता है।