ब्लिट्ज ब्यूरो
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में जी-20 पर्यटन कार्यसमूह (टीडब्ल्यूजी) की तीसरी बैठक में भारत ने चीन और पाकिस्तान को अपनी कूटनीतिक ताकत का अहसास करा दिया। बैठक से पूर्व चीन की धौंस और पाकिस्तान के दुष्प्रचार से बेअसर दुनिया के 17 ताकतवर देशों के 60 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यूरोपीय यूनियन सहित इन देशों का बैठक में भाग लेने का सीधा अर्थ है कि इन देशों ने मुहर लगा दी है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
हालांकि, अंतिम समय में तुर्की और सऊदी अरब ने इससे दूरी बनाई, मगर दोनों देशों ने इस संबंध में कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के मामले में शुरू से ही चीन और पाकिस्तान दुष्प्रचार कर रहे हैं। उस दौरान पाकिस्तान को तुर्किये का भी साथ मिला था।
चीन ने जम्मू-कश्मीर में जी20 बैठकों के आयोजन का विरोध करते हुए इसके बहिष्कार की घोषणा की थी। भारत ने दो टूक कहा था कि उसे अपने क्षेत्र में कहीं भी बैठक के आयोजन का अधिकार है। चीन इसी वर्ष मार्च माह में भी अरुणाचल प्रदेश में जी20 की बैठक में नहीं आया था। बीते साल भूकंप में भारत ने तुर्की की बड़ी मदद की थी, इसलिए दबाव में बैठक से दूर रहने के बावजूद तुर्किये ने कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की।
आयोजन बड़ी सफलता
बैठक में अमेरिका, रूस, कनाडा, यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका समेत 17 ताकतवर देशों के 60 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। विशेषज्ञ इसे बड़ी कूटनीतिक सफलता मान रहे हैं। इन देशों का बैठक में भाग लेने का अर्थ यह है कि इनके लिए जम्मू-कश्मीर अब विवादित मुद्दा नहीं है।
सरकारी सूत्र खासतौर से यूरोपीय यूनियन की भागीदारी को बेहद अहम मान रहे हैं। वह इसलिए कि यूरोपीय यूनियन कई बार राज्य में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर सवाल उठाता रहा है।
आतंकी खतरे का असर नहीं
17 ताकतवर देशों की भागीदारी इसलिए भी अहम है कि इन देशों ने आतंकी खतरों के बावजूद कार्यसमूह की बैठक में शामिल होने में आनाकानी नहीं की।
हिमालयी क्षेत्र में जागी बेहतर व सुरक्षित भविष्य की उम्मीद
कश्मीर में जी20 सम्मेलन जम्मू-कश्मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का महत्वपूर्ण कदम है। 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करने वाले श्रीनगर ने हिमालयी क्षेत्र के लिए बेहतर और सुरक्षित भविष्य की आशाओं को फिर से जगा दिया है।