आस्था भट्टाचार्य
गाधीनगर। देश की चिकित्सा व्यवस्था का फायदा दुनियाभर को दिया जा सके, इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुजरात के गांधीनगर में एडवांटेज हेल्थ केयर इंडिया पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर बीमारियों के इलाज से जुड़ी सभी सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी। जी20 बैठक के साथ साथ यहां हो रहे कार्यक्रमों के क्रम में पारंपरिक चिकित्सा के पवेलियन का भी उद्घाटन हुआ।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ यानि फिक्क ी की तरफ से आयोजित ‘वन अर्थ वन हेल्थ’ एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया कार्यक्रम में देश में स्वास्थ्य कर्मियों से जुड़े आकंड़ों और जानकारियों का भी पोर्टल लॉन्च किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन पोर्टलों के माध्यम से हम स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी गंभीर चुनौतियों का एक ठोस समाधान पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा सामूहिक प्रयास स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में होगा जो हर देश, हर नागरिक और हर प्राणी की जरूरत को पूरा करता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में आज 13 लाख एलोपैथिक डॉक्टरों, 8 लाख आयुष डॉक्टरों और 34 लाख नर्सों और सहायक नर्स के साथ साथ दाइयों का कार्यबल मौजूद है। इस योग्य और कुशल कार्यबल के माध्यम से न केवल देश बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं।
डिजिटल तकनीक में निवेश फायदेमंद
इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि चिकित्सा की बढ़ती लागत को देखते हुए ऐसे विशेष संसाधनों और सेवाओं की पेशकश हो सकती है जो दुनिया के अन्य हिस्सों में किफायती या सुलभ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल तकनीक में निवेश करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जो सेवाएं भारत से प्रदान की जा सकती हैं, वे टेलीमेडिसिन के माध्यम से भी सभी के लिए उपलब्ध हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए विशेष रूप से मेडिकल वैल्यू क्षेत्र में एक बड़ा अवसर है, क्योंकि यह आपको एक बड़ा लाभ दे सकता है।
केंद्रीय आयुष सचिव राजेश कोटेचा ने बताया कि पारंपरिक चिकित्सा सम्मेलन विश्व बैंक की तरफ से अब हर 2 साल में दुनिया के अलग अलग हिस्सों में आयोजित किया जाएगा।
– 13 लाख एलोपैथिक, 8 लाख आयुष डॉक्टरों व 34 लाख नर्सों-सहायक नर्सों का कार्यबल
उनके मुताबिक इससे भारत की योग और आयुर्वेद जैसी चिकित्सा पद्धति को दुनियाभर में और पहुंच मिलेगी।जी 20 की तरफ से गांधीनगर में आयोजित सम्मेलन में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें भूटान, थाईलैंड, फिलिपींस और यूरोपीय देशों की पारंपरिक चिकित्सा को डिजिटल माध्यम से दिखाया जा रहा है। साथ ही सम्मेलन में की जाने वाली चर्चा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इस चिकित्सा व्यवस्था को कैसे और प्रभावी बनाया, जाए इस पर मंथन किया गया।
मरीजों को सीधी फ्लाइट जल्द
स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े उद्योग जगत के लोगों की तरफ से सरकार से मांग की गई कि दुनिया के कई देशों से भारत के लिए सीधी फ्लाइट नहीं है। ऐसे में मरीजों को भारत पहुंचने तक काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उन्हें सरकार की तरफ से भरोसा दिलाया गया है कि जिन देशों के लोग भारत में इलाज पर निर्भर हैं वहां से सीधे फ्लाइट के इंतजाम जल्द किए जाएंगे। विमानन मंत्रालय इस मामले पर विचार कर रहा है।