नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि कई वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि लोकतंत्र में ऐसा संभव है। यह स्वयं विश्व में लोकतंत्र के लिए सबसे अच्छा उदाहरण है।
पीएम मोदी ने वर्चुअल माध्यम से दूसरे लोकतंत्र शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र इस विश्वास पर आधारित है कि हर इंसान की जरूरतें और आकांक्षाएं समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सिर्फ एक अमूर्त ढांचा नहीं, बल्कि एक आत्मा भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में सबका साथ, सबका विकास एक दर्शन है जिसका अर्थ समावेशी विकास के लिए एक साथ प्रयास करना है। मोदी ने कहा कि भारत ने वैक्सीन मैत्री पहल के तहत दुनिया के कई देशों को लाखों टीके भेजे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान भारत की प्रतिक्रिया लोगों से प्रेरित रही। इसकी वजह से भारतीय नागरिकों को देश में ही तैयार वैक्सीन की दो अरब खुराक दिया जाना संभव हो पाया। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की हर पहल भारत के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है। लोकतंत्र शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण की सह-मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, कोस्टारिका के राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रॉबल्स, जाम्बिया के राष्ट्रपति हाकाइंडे हिचिलेमा, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने की।
– सरकार की हर पहल भारत के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित
पीएम मोदी ने कहा कि चाहे जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से लड़ने का भारत का प्रयास हो, वितरित भंडारण के माध्यम से जल संरक्षण हो या सभी को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन प्रदान करना हो, हर पहल यहां के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की प्रतिक्रिया लोगों द्वारा संचालित थी। देश की ‘टीका मैत्री’ पहल ‘वसुधैव कुटुम्बकम ्’ के मंत्र से भी निर्देशित है, जिसका अर्थ है ‘एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य’। सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का प्रमाण यह भी है कि मंदी की आशंका के बीच भारत जनवरी-जुलाई 2022 के बीच स्टार्टअप यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से ज्यादा मूल्यांकन) के मामले में चीन को पीछे छोड़ने में कामयाब रहा। पहले कोरोना महामारी और फिर रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुईं चुनौतियों ने दुनियाभर के लिए महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक विकास के मोर्चे पर काफी मुश्किलें खड़ी कर दीं। आलम यह है कि अमेरिका और यूरोप जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाएं मंदी में फंसने के कगार पर हैं। इन चुनौतियों के बीच मजबूत आर्थिक और बुनियादी ढांचा प्रबंधन के दम पर भारत सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2022 में चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर क्रमशः 13.5 फीसदी एवं 6.3 फीसदी रही, जो दुनियाभर में सबसे तेज थी। महंगाई के मामले में भी काफी चुनौतियां थीं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से महंगाई ने सबको परेशान किया। भारत में भी दिक्कतें थीं पर पीएम मोदी सरकार के उपायों के कारण इस संकट पर काबू पाने में सफलता मिली। औद्योगिक विकास में स्टार्टअप का विशेष योगदान है। यूनिकॉर्न में हमने चीन को पछाड़ा। भारत में जनवरी-जुलाई 2022 के बीच 14 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने जबकि चीन में सिर्फ 11 । यूनिकॉर्न के मामले में अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे स्थान पर है। विश्व बैंक और आईएमएफ भी भारत और पीएम मोदी के कार्य करने के तरीकों और फैसलों के कारण स्पष्ट कह चुके हैं कि दुनिया में भारत के आर्थिक विकास की दर सबसे बेहतर रहेगी।