ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत की गिनती दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातक के रूप में होती है। हालांकि अब स्थिति बदल रही है। हथियारों को बेचने के मामले में भारत दुनिया में धाक जमा रहा है।
वित्त वर्ष 2023-2024 में भारत से 21,083 करोड़ रुपए के हथियारों का निर्यात किया गया है। यह एक रिकॉर्ड है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि आजादी के बाद से पहली बार भारत ने 21 हजार करोड़ रुपए से अधिक के हथियारों का निर्यात किया है। पिछले साल की तुलना में इस साल 32.5 फीसदी की वृद्धि हुई है।
2022-23 में 15,920 करोड़ का निर्यात
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत से 15,920 करोड़ रुपए के हथियारों का निर्यात हुआ था। 2004-2005 से 2013-2014 तक हथियारों का कुल निर्यात 4,312 करोड़ रुपए था। वहीं, 2014-15 से 2023-24 तक 88,319 करोड़ रुपए के हथियारों का निर्यात हुआ।
भारत से हथियारों का निर्यात बढ़ने में डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग(डीपीएसयू) के साथ ही प्राइवेट सेक्टर का बड़ा रोल है। हथियारों के निर्यात में प्राइवेट सेक्टर का योगदान 60 फीसदी और डीपीएसयू का योगदान 40 फीसदी है।
मित्र देशों को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख हथियारों में डोर्नियर-228 विमान, 155 मिमी एडवांस टोड आर्टिलरी गन, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल सिस्टम, रडार, सिमुलेटर, माइन प्रोटेक्टिव व्हीकल्स, बख्तरबंद वाहन, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर शामिल हैं। इसके साथ ही गोला बारूद,थर्मल इमेजर्स, लाइन रिप्लेसेबल इकाइयां और एवियोनिक्स के साथ छोटे हथियारों के हिस्से और घटक भी निर्यात किए गए हैं।
निर्यात को बढ़ावा
भारत सरकार एशियाई और अफ्रीकी देशों में हथियारों के निर्यात को बढ़ावा दे रही है। 2023 की ‘सिपरी’ रिपोर्ट के अनुसार भारत का करीब 18 फीसदी रक्षा निर्यात म्यांमार को हुआ है। म्यांमार को हथियारों के निर्यात के मामले में रूस और चीन के बाद भारत का स्थान है।