पीएम मोदी ने कहा कि जब हम मेक-इन-इंडिया की बात करते हैं तो इसमें यह भी शामिल है कि भारत के साथ दुनिया के लिए भी विनिर्माण किया जाए क्योंकि भारत ‘विश्व कल्याण’ और ‘वसुधैव कुटुंबकम ्’ के मूल मंत्र में आस्था रखने वाला देश है।
आज के वर्तमान युग में किसी भी देश का वास्तविक विकास इस बात पर निर्भर करता है कि वह तकनीक, आधुनिकीकरण व नवोन्मेष आदि को कितना अपनाता और बढ़ावा देता है। ये सभी किसी भी देश के सम्यक विकास की रीढ़ हैं और इसमें सभी, खास कर युवा पीढ़ी के योगदान के बिना आगे नहीं बढ़़ा जा सकता। यह बात काफी उत्साहवर्धक है कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इस दिशा में ठोस प्रयास कर रही है। इसी दिशा में अभी हाल ही में मोदी सरकार ने गुजरात के गांधीनगर में सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन-2023 का आयोजन किया।
सेमीकॉन इंडिया में देश-विदेश की बहुत सारी कंपनियां आई थीं जिसमें भारत के स्टार्ट-अप्स भी शामिल थे। ऐसे आयोजनों के माध्यम से इंडस्ट्री के साथ-साथ, विशेषज्ञों तथा नीति निर्माताओं के संग विचार मंथन से नए-नए आयामों की तलाश भी आसान हो जाती है। उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना व रूस-यूक्रेन युद्ध के असर से उबर रहे विश्व को आज ऐसे भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता साथी (चेन) की आवश्यकता है जो खराब हालात में भी निर्बाध मददगार साबित हो।
इसके लिए सबसे बड़े लोकतंत्र भारत से बेहतर भरोसेमंद साथी भला कौन हो सकता है। भारत में आज हर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का तेज गति से चहुंमुखी विकास हो रहा है। देश में प्रतिभाओं का भंडार है और कुशल इंजीनियरों तथा डिजाइनरों की उसके पास ताकत है। देश ही नहीं, विदेश में भी ये महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं तथा उन देशों के विकास में अहम हिस्सेदार हैं। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जब हम मेक-इन-इंडिया की बात करते हैं तो इसमें यह भी शामिल है कि भारत के साथ दुनिया के लिए भी विनिर्माण किया जाए क्योंकि भारत ‘विश्व कल्याण’ और ‘वसुधैव कुटुंबकम ्’ के मूल मंत्र में आस्था रखने वाला देश है।
एक समय था जब लोग भारत में निवेश से पहले हजार बार सोचते थे पर आज भारत जहां सबसे बड़ा बाजार है, वहीं पूरी दुनिया अनेक समस्याओं के समाधान के लिए भारत की ओर भी देख रही है। भारत ने जिस तरह से कोविड के समय में खुद को संभाला और अपने आर्थिक विकास के क्रम को निर्बाध गति से जारी रखा, वह संपूर्ण विश्व के लिए एक मिसाल है क्योंकि तमाम बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं आज मुश्किल दौर से गुजर रही हैं। इसके विपरीत भारत अपने विकास को रॉकेट की गति से आगे बढ़ाने के प्रयास में जुटा है। अंतरिक्ष से लेकर हथियारों के निर्माण तक, भारत तीव्र गति से आत्मनिर्भरता और विकास के हब के रूप में विकसित होने के मार्ग पर प्रशस्त हो रहा है। पीएम मोदी चाहते हैं कि सेमीकंडक्टर चिप के निर्माण के हब के रूप में भी भारत अपना स्थान बनाए और इसी के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमाल आज लगभग हर चीज में होता है। कई क्षेत्रों के लिए सेमीकंडक्टर बेहद जरूरी है। चाहे कार हो, रॉकेट हो, घर में लगा टीवी या कंप्यूटर हो, हर जगह सेमीकंडक्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। वॉशिंग मशीन व एसी जैसे घरेलू उपकरणों में भी सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है। भारत इस मामले में लगभग पूरी तरह आयात पर निर्भर है। यही कारण है कि केंद्र सरकार इस क्षेत्र में ही नहीं, तकनीक के हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर एवं आधुनिक बनाने के क्रांतिकारी प्रयासों में जुटी है।
तकनीक में आत्मनिर्भरता वर्तमान युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध की आशंकाओं के बीच तकनीक में आत्मनिर्भरता किसी भी देश को इनसे निपटने में सक्षम बनाती है। अपने तकनीकी विकास के बल पर ही भारत कोविड जैसी आपदा में दूसरे देशों की मदद कर पाया और उन्हें भारत में बना व विकसित किया गया टीका देकर उनकी जनता के प्राणों की रक्षा कर पाया। आज भारत तकनीक के अलावा आर्थिक मोर्चे पर भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। जहां दुनिया के अनेक देश आर्थिक तंगी और अपनी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं वहीं भारत अपनी अर्थव्यवस्था को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर है। विश्व के ख्यात अर्थशास्त्री भी ऐसा मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की नीतियां भारत को इस लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित होंगी।
भारत में विकास और अर्थव्यवस्था का परिदृश्य कैसे बदल रहा है, यह इस बात से समझा जा सकता है कि गत वर्ष के सेमीकॉन इंडिया के पहले एडिशन में लोग यह सवाल कर रहे थे कि भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर क्षेत्र में देशों को क्यों निवेश करना चाहिए? पर एक साल के बाद सवाल बदल गया है। अब कहा जा रहा है कि ‘हम भारत में इस क्षेत्र में निवेश क्यों न करें?’ आज स्थिति यह है कि भारत के साथ चाहे अमेरिका हो या फ्रांस, अनेक देश मिलकर काम करना चाहते हैं। अपनी तकनीक परस्पर बांटना चाहते हैं एवं साथ आ कर उत्पादन करना चाहते हैं जिसे पीएम मोदी ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की संज्ञा देते हैं। भारत पर विश्वास का आलम यह है कि अनेक देश तो अपने करोड़ों रुपये के उपग्रह तक भारत की स्पेस एजेंसी इसरो के माध्यम से अंतरिक्ष में स्थापित करा रहे हैं।
भारत के प्रति उनका यह भरोसा यूं ही नहीं बना है। सिर्फ सवाल नहीं बदला, बल्कि हवा का रुख भी बदला है। पीएम मोदी का मानना है कि ये रुख आप सबने बदला है, आप सबके प्रयासों ने बदला है। पीएम मोदी ने देश की ओर से सभी को यह विश्वास दिलाया कि आपने भारत की आकांक्षाओं के साथ अपने भविष्य को जोड़ा है। आपने भारत के सामर्थ्य के साथ अपने सपनों को जोड़ा है। भारत किसी को भी निराश नहीं करता। 21वीं सदी के भारत में आपके लिए अवसर ही अवसर हैं। भारत की डेमोक्रेसी, भारत की डेमोग्राफी, भारत से मिलने वाला डिविडेंट, ये सभी के बिजनेस को भी डबल-ट्रिपल करने वाले हैं।