नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जिस देश को सिर्फ एक बड़े बाजार के रूप में देखा जाता था, वह अब वैश्विक चुनौतियों के समाधान का एक केंद्र बन गया है। भारत ने दुनिया का दृष्टिकोण बदल दिया है।
नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से पहले एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के अनुभव को देखते हुए यह माना गया कि संकट के दौरान भी मानव केंद्रित दृष्टिकोण काम करता है। एक स्पष्ट और समन्वित दृष्टिकोण के माध्यम से महामारी के प्रति भारत की प्रतिक्रिया, प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सबसे कमजोर लोगों को प्रत्यक्ष सहायता, टीकों का विकास, दुनिया का सबसे बड़ा टीका अभियान चलाना और लगभग 150 देशों के साथ दवाओं और टीकों को साझा करना। इन सभी को दुनिया ने महसूस किया और सराहना की गई। जब भारत जी20 का अध्यक्ष बना, तब दुनिया के लिए हमारे शब्दों और दृष्टिकोण को केवल विचारों के रूप में नहीं लिया जा रहा था, बल्कि भविष्य के लिए एक रोडमैप के रूप में लिया जा रहा था।
– एक व्यापक दर्शन ‘वसुधैव कुटुम्बकम ्’
– जीडीपी केंद्रित दृष्टिकोण अब मानव केंद्रित
जी20 के सिलसिले में इसके सदस्य देशों के एक लाख से अधिक प्रतिनिधि भारत का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने यह भी देखा कि पिछले एक दशक में चौतरफा विकास किस तरह लोगों को सशक्त बना रहा है। यह समझ बढ़ रही है कि दुनिया को जिन समाधानों की आवश्यकता है, उनमें से कई पहले से ही हमारे देश में गति और पैमाने के साथ सफलतापूर्वक लागू किए जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि दुनिया का जीडीपी केंद्रित दृष्टिकोण अब मानव केंद्रित दृष्टिकोण में बदल रहा है। कोविड के बाद एक नई विश्व व्यवस्था आकार ले रही है। पीएम ने कहा कि जी20 की अध्यक्षता के विषय ‘वसुधैव कुटुम्बकम ्’ – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं। यह सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि एक व्यापक दर्शन है, जो हमारे सांस्कृतिक लोकाचार से लिया गया है।
मोदी ने एक सवाल पर कहा, जब प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण की बात आती है, तो भारत की वैश्विक विश्वसनीयता सबसे आगे रहती है। हमने पिछले कुछ वर्षों में कई पहल की हैं, जिन पर दुनिया ने ध्यान दिया। ये पहल एक बड़े वैश्विक आंदोलन का जरिया भी बन रही है। दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण अभियान हमने चलाया। हमने 200 करोड़ से अधिक खुराक मुफ्त प्रदान की। यह एक तकनीकी मंच कोविन पर आधारित था। इसके अलावा, इस मंच का लाभ भी दुनिया को दिया गया। आज डिजिटल लेन-देन हमारे व्यावसायिक जीवन के हर वर्ग को सशक्त बना रहा है। हमारा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के मुद्दे पर होने वाली चर्चाओं में प्रतिबंधात्मक के बजाय रचनात्मक रवैया अपनाने की जबरदस्त वकालत की। उन्होंने विभिन्न देशों से आग्रह किया है कि वे ‘यह न करो या वह न करो’ पर ध्यान केंद्रित न करें। मोदी ने कहा, भारत तय तिथि से नौ साल पहले ही अपने जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने वाला संभवत: पहला जी20 देश है।
मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ऋण संकट वास्तव में दुनिया के लिए विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। हमारी जी20 अध्यक्षता ने ऋण संबंधी जटिलताओं से उत्पन्न वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर जोर दिया है, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के देशों के लिए। हम अपने मूल्यवान पड़ोसी श्रीलंका की जरूरतों के प्रति भी बहुत संवेदनशील रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि ‘सबका साथ सबका विकास’ मॉडल विश्व के कल्याण के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है। दक्षिण अफ्रीका से संबंधित एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि हम उन लोगों को जोड़ने के लिए काम करते हैं, जिन्हें लगता है कि उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही । इसे आप मेरे कार्यों में देख सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा और 2047 के अमृतकाल वर्ष में विकसित राष्ट्र। भारत फिर से आगे बढ़ रहा है। हमारे पास लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता है। अब इसमें एक चौथा डी जोड़ा जा रहा है विकास ( डेवलपमेंट)। हम अब पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और भारत का मतलब व्यापार है।