आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। देश में सेमीकंडक्टर चिप की बढ़ती मांग पूरी करने पर सरकार पर्याप्त गंभीरता दिखा रही है। इसी कड़ी में जापान से भारत ने समझौता किया। जल्द ही जापानी चिप कंपनियां भारत आ कर सेमीकंडक्टर चिप प्रॉडक्शन को मजबूत बनाएंगी। भारत और जापान सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के डेवलपमेंट के लिए एमओयू साइन किया है। यह जानकारी केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। उन्होंने बताया कि जापान और भारत ने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च, डिजाइन, टैलेंट डेवलपमेंट और सप्लाई चेन को मजबूत बनाने के लिए डील साइन की है।
जापान की रेपिडस कॉर्प निभाएगी लीड रोल
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत और जापान के बीच लंबी बातचीत के बाद सेमीकंडक्टर डेवलपमेंट को लेकर डील साइन हुई। दोनों देश जल्द इंडस्ट्री-टू-इंडस्ट्री और सरकारों से मिलने वाली मदद पर चर्चा करने के लिए एक टीम बनाएंगे। इस काम में जापान की रेपिडस कॉर्प एमओयू में लीड रोल निभाएगी। बता दें, रैपिडेक्स कॉर्प सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरर है, जिसे 8 बड़ी जापानी कंपनियों की सपोर्ट से बनाया गया है। इसमें सॉफ्टबैंक, सोनी और टोयोटा जैसी बड़ी कम्पनियां शामिल हैं। जहां रेपिडस फुल वैल्यू चेन पर फोकस करने का काम करेगी, वहीं दूसरी कंपनियां सिर्फ फैब्रिकेशन पर फोकस करेंगी।
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में जापान अव्वल
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में जापान काफी आगे है। जापान ने सिलिकॉन वेफर और इनगॉट मैन्युफैक्चरिंग में भी नेतृत्व किया है। इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग में भी टोक्यो इलेक्ट्रॉन एक बड़ी कंपनी है। भारत को सेमीकंडक्टर के लिए रॉ मैटीरियल के सप्लायर के तौर पर पेश किया गया है। गुजरात में दाहेज ग्लोबल कॉरपोरेशंस रॉ मटेरियल के सप्लायर का हब साबित हो सकता है।