• Latest
  • Trending
Assembly

अमर्यादित आचरण विपक्ष को पड़ेगा महंगा

December 8, 2023
Hurt President Draupadi Murmu's message through a special article, enough is enough

आहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विशेष लेख के जरिये संदेश बस अब बहुत हुआ

August 30, 2024
मनी लांड्रिंग केस में इकबालिया बयान को सीधे सुबूत नहीं मान सकते

मनी लांड्रिंग केस में इकबालिया बयान को सीधे सुबूत नहीं मान सकते

August 30, 2024
court

पहली नजर में एससी, एसटी का मामला न दिखे तो अग्रिम जमानत मिले

August 30, 2024
अनेक सवाल खड़े कर गया कोलकाता कांड

अनेक सवाल खड़े कर गया कोलकाता कांड

August 30, 2024
AI will tell about lung disease by the sound of cough

एआई बताएगी खांसी की आवाज से फेफड़ों की बीमारी का पता

August 30, 2024
महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दी थी 5 सीख

महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दी थी 5 सीख

August 30, 2024
People are shedding blood for water all over the world

दुनियाभर में पानी के लिए खून बहा रहे लोग

August 30, 2024
yogi

महिलाओं के कार्यस्थल की नियमित सुरक्षा ऑडिट के निर्देश

August 30, 2024
Yogi suddenly reached Banke Bihari temple, kept looking at the image of Thakur ji.

अचानक बांकेबिहारी मंदिर पहुंचे योगी, ठाकुर जी की छवि को निहारते रहे

August 30, 2024
Task force formed for women employees in KGMU

केजीएमयू में महिला कर्मियों के लिए बनी टास्क फोर्स

August 30, 2024
If we divide we will be cut off, if we remain united we will be safe: Yogi

बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहे तो सुरक्षित रहेंगे : योगी

August 30, 2024
Air India flight delays are out of control

नोएडा एयरपोर्ट से उड़ान की तैयारी

August 30, 2024
Sunday, October 26, 2025
Retail
संपर्क
डाउनलोड
  • देश
  • उत्तर-प्रदेश
  • राष्ट्रीय
    • उत्तर-प्रदेश
  • राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्री
  • चुनाव विशेष
  • स्टेट-नेशनल
  • महिला-खेल
  • डाउनलोड
  • अंग्रेजी
  • संपर्क
  • ई-पेपर
No Result
View All Result
Welcome To Blitz India Media
No Result
View All Result

अमर्यादित आचरण विपक्ष को पड़ेगा महंगा

by Blitzindiamedia
December 8, 2023
in दृष्टिकोण
0
Assembly

deepakभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे ‘बहुत ही उत्साहवर्धक’ करार दिए जा सकते हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि देश ने नकारात्मकता की राजनीति को एक प्रकार से बिल्कुल नकार दिया है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 4 दिसंबर को विपक्षी दलों से आग्रह किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में वे विधानसभा चुनावों में मिली पराजय का ‘गुस्सा’ न निकालें बल्कि उससे सीख लेते हुए पिछले नौ सालों की नकारात्मकता को पीछे छोड़ें और सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़ें, तभी उनके प्रति लोगों का नजरिया बदल सकता है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यदि विपक्षी दल ‘विरोध के लिए विरोध’ का तरीका छोड़ दें और देश हित में सकारात्मक चीजों में साथ दें तो देश के मन में विपक्ष के प्रति आज जो नफरत है, हो सकता है वह मोहब्बत में बदल जाए। 3 दिसंबर को आए चुनाव परिणामों में चार में से तीन राज्यों में भाजपा ने भारी बहुमत से जीत हासिल की है। मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख राज्य में उसने सत्ता में वापसी की, वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में भाजपा सफल रही है। तेलंगाना में भले ही भाजपा सत्तासीन होने में विफल रही लेकिन दक्षिणी राज्य में उसने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी किया है। यह इस बात की ओर भी इशारा कर रहा है कि दक्षिण में भी भाजपा उतरोत्तर अपनी पकड़ मजबूत बनाती जा रही है। एक खास बात इन चुनावों की यह रही कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और उनकी साख पर लड़े गए। भाजपा के लिए इसके परिणाम अद्भुत आए । इन चुनावों में अगर किसी की गारंटी चली तो वो थी सिर्फ पीएम मोदी की गारंटी।

YOU MAY ALSO LIKE

अनेक सवाल खड़े कर गया कोलकाता कांड

एआई बताएगी खांसी की आवाज से फेफड़ों की बीमारी का पता

एक खास बात इन चुनावों की यह रही कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और उनकी साख पर लड़े गए। भाजपा के लिए इसके परिणाम अद्भुत आए । इन चुनावों में अगर किसी की गारंटी चली तो वो थी सिर्फ पीएम मोदी की गारंटी।

अब जब नतीजे आ चुके हैं और मध्य प्रदेश में भाजपा को सबसे बड़ी जीत मिली है, तो हम यह कह सकते हैं कि इन नतीजों ने सबको चौंका दिया है। विपक्षी गठबंधन का खेमा तो पूरी तरह से हत्प्रभ सा है। अब उसने फिर वही ईवीएम में गड़बड़ी का पुराना राग आलापना प्रारंभ कर दिया है। राजस्थान ने पांच-पांच साल पर सरकार बदलने की परंपरा का पालन करते हुए एक बार फिर भाजपा पर भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश और राजस्थान, दोनों ही देश के बड़े राज्यों में हैं और दोनों का ही भारतीय राजनीति में एक अलग स्थान है। इन दोनों ही राज्यों के नतीजों से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस पहले की अपेक्षा और कमजोर हो गई है तथा भाजपा का मनोबल 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अत्यधिक ऊंचाइयों पर पहुंच गया है।

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियां अभी हाल ही में एकजुट हुई थीं। विपक्षी गठबंधन की 28 पार्टियों के 63 नेताओं ने मुंबई की बैठक में 5 कमेटियां बनाने पर सहमति बनाई थी ताकि चुनावों में भाजपा को घेरा जा सके। कैसे विपक्ष का मोर्चा मिलकर मुद्दे उठाएगा, रैली करेगा, प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा और भाजपा की राह को मुश्किल बनाएगा किंतु हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में विपक्षी गठबंधन तो कहीं नजर ही नहीं आया, अलबत्ता कांग्रेस तीन राज्यों में बुरी तरह से चुनाव हार गई। यही नहीं, दो राज्यों में तो उसके हाथ से सत्ता भी निकल गई।

देश के राजनीतिक परिदृश्य में केंद्रीय स्तर पर लोकसभा चुनाव के लिए एक मजबूत विपक्ष की तलाश हो रही थी पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की हार से कांग्रेस की स्थिति विपक्षी गठबंधन में कमजोर होती नजर आ रही है। विशेष रूप से कर्नाटक का चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस को जो मनोबल प्राप्त हुआ था, वह उसने मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हारकर पूरी तरह से गंवा दिया है। हालांकि चार राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों पर अगर गौर किया जाए तो ऐसा बहुत कुछ है जिससे सीखकर आगे बढ़ा जा सकता है।

देश के केंद्रीय या हृदय प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस को हरा कर चुनावी परिदृश्य में बहुत पीछे धकेल दिया है। देश की सशक्त केंद्रीय सत्ता को अब यह ध्यान रखना होगा कि उसकी अपनी बुनियादी हिंदी पट्टी को अभी भी पूर्ण रूप से एक आदर्श विकसित राज्य का इंतजार है और शायद मतदाता भी यही चाहता है। इन चुनाव परिणामों ने यह भी दिखाया है कि अभद्र भाषा कतई स्वीकार्य नहीं है। तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को अगर मिसाल की तरह लें तो पता चलेगा कि जमीन से उठकर ऊपर आए इस नेता के परिवारवाद से लेकर बड़बोलेपन तक, अति-महत्वाकांक्षा से लेकर देश के प्रधानमंत्री के साथ दुर्व्यवहार तक; देश ने बहुत कुछ देखा व समझा। वह देश के नेता बनना चाहते थे पर तेलंगाना की जनता ने उन्हें प्रदेश के लायक भी नहीं छोड़ा। इसके बावजूद अनेक विपक्षी नेता अभी भी अमर्यादित आचरण से बाज नहीं आ रहे। कभी सनातन धर्म का अपमान तो कभी प्रधानमंत्री के लिए अपशब्दों का प्रयोग अनवरत जारी है। हाल ही में एक द्रमुक नेता ने भाजपा के जीत वाले प्रदेशों को गोमूत्र वाला प्रदेश कह कर संसद में इन राज्यों के मतदाताओं का अपमान किया। अपशब्दों का प्रयोग करने वाले नेता शायद यह नहीं समझ पा रहे कि इसकी कीमत उन्हें तथा संपूर्ण विपक्षी गठबंधन को 2024 के आम चुनाव में बुरी तरह हार का सामना कर के भी चुकानी पड़ सकती है। साथ ही चुनाव जीतने के लिए बांटी गईं रेवड़ियां भी काम नहीं आएंगी, यह भी साफ है।

ShareTweetSend

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Our Visitor

158365

POPULAR NEWS

  • India shows way out to UN military observer group

    संरा के सैन्य पर्यवेक्षक समूह को भारत ने दिखाया बाहर का रास्ता

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • प्रोपर्टी पर जिसका 12 साल से कब्जा, वही होगा मालिक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • 12 साल से है जमीन पर कब्जा तो वही होगा असली मालिक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • गंगाजल खराब नहीं होता, लेकिन क्यों ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पृथ्वी का आखिरी देश जहां सूरज केवल 40 मिनट के लिए ही डूबता है

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Welcome To Blitz India Media

© 2023 Blitz India Media -BlitzIndia Building A New Nation

Navigate Site

  • About
  • Our Team
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • देश
  • उत्तर-प्रदेश
  • राष्ट्रीय
    • उत्तर-प्रदेश
  • राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्री
  • चुनाव विशेष
  • स्टेट-नेशनल
  • महिला-खेल
  • डाउनलोड
  • अंग्रेजी
  • संपर्क
  • ई-पेपर

© 2023 Blitz India Media -BlitzIndia Building A New Nation