ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत ‘इंफाल’ दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए तैयार है। इसके शामिल होने से हिंद महासागर में नौसेना की ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
इसे भारतीय नौसेना के संस्थानिक संगठन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है।
इसका निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई ने किया। इस आधुनिक और रडार से बच निकलने में सक्षम निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत को 20 अक्टूबर, 2023 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था।
‘इंफाल’ पोत ने नवंबर 2023 में विस्तारित-रेंज सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो बेड़े में शामिल किए जाने (कमीशनिंग) से पहले किसी भी स्वदेशी युद्धपोत के लिए पहला था।
कमीशनिंग के बाद, आईएनएस ‘इंफाल’ पश्चिमी नौसेना कमान में शामिल हो गया। ये पहला वॉरशिप है जिसका नाम पूर्वोत्तर के एक शहर के नाम पर रखा गया है। इसकी स्वीकृति 16 अप्रैल 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने दी थी। इस पोत को 20 अप्रैल, 2019 को समुद्र में उतारा गया था।
‘इंफाल’ में लगभग 75 प्रतिशत उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, ब्रह्मोस सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिलीमीटर सुपर रैपिड गन माउंट शामिल हैं।
चार गैस टर्बाइन : स्वदेशी विध्वंसक पोत ‘इंफाल’ एक कंबाइंड गैस एंड गैस (सीओजीएजी) प्रपल्शन सेट द्वारा संचालित होता है, जिसमें चार गैस टर्बाइन शामिल हैं। यह जहाज 30 समुद्री मील (56 किलोमीटर/घंटा) से अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम है। यह युद्धपोत 28 अप्रैल, 2023 को अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ था।
यह 7,400 टन के भार विस्थापन और 164 मीटर की कुल लंबाई की क्षमता के साथ ही एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत भी है।
ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत ‘इंफाल’ दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए तैयार है। इसके शामिल होने से हिंद महासागर में नौसेना की ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
इसे भारतीय नौसेना के संस्थानिक संगठन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है।
इसका निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई ने किया। इस आधुनिक और रडार से बच निकलने में सक्षम निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत को 20 अक्टूबर, 2023 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था।
‘इंफाल’ पोत ने नवंबर 2023 में विस्तारित-रेंज सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो बेड़े में शामिल किए जाने (कमीशनिंग) से पहले किसी भी स्वदेशी युद्धपोत के लिए पहला था।
कमीशनिंग के बाद, आईएनएस ‘इंफाल’ पश्चिमी नौसेना कमान में शामिल हो गया। ये पहला वॉरशिप है जिसका नाम पूर्वोत्तर के एक शहर के नाम पर रखा गया है। इसकी स्वीकृति 16 अप्रैल 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने दी थी। इस पोत को 20 अप्रैल, 2019 को समुद्र में उतारा गया था।
‘इंफाल’ में लगभग 75 प्रतिशत उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, ब्रह्मोस सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिलीमीटर सुपर रैपिड गन माउंट शामिल हैं।
चार गैस टर्बाइन : स्वदेशी विध्वंसक पोत ‘इंफाल’ एक कंबाइंड गैस एंड गैस (सीओजीएजी) प्रपल्शन सेट द्वारा संचालित होता है, जिसमें चार गैस टर्बाइन शामिल हैं। यह जहाज 30 समुद्री मील (56 किलोमीटर/घंटा) से अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम है। यह युद्धपोत 28 अप्रैल, 2023 को अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ था।
यह 7,400 टन के भार विस्थापन और 164 मीटर की कुल लंबाई की क्षमता के साथ ही एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत भी है।