ब्लिट्ज ब्यूरो
न्यूयॉर्क। अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (एएससीओ) की एक नई स्टडी आई है। इसके मुताबिक एचपीवी वायरस से होने वाले कैंसर की वैक्सीन सिर्फ महिलाओं ही नहीं, बल्कि पुरुषों को भी होने वाले कई तरह के कैंसर को रोकने में कारगर है। यह वैक्सीन एनल कैंसर, मुंह के कैंसर, गले के कैंसर और पीनाइल कैंसर को भी रोक सकती है।
अब तक एचपीवी वैक्सीन को सिर्फ सर्वाइकल कैंसर के लिए ही कारगर माना जा रहा था। चूंकि सर्वाइकल कैंसर सिर्फ महिलाओं को होता है तो इसे महिलाओं की वैक्सीन माना जाता था।
नई स्टडी ने संभावनाओं के नए दरवाजे खोले
दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक है कैंसर। हार्ट डिजीज के बाद दूसरे नंबर पर सबसे जानलेवा बीमारी भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कैंसर हर साल करीब 1 करोड़ लोगों की जान लेता है यानी दुनिया की हर छठी मौत कैंसर के कारण हो रही है। बड़ी मुश्किल ये है कि इतनी तरक्क ी के बाद भी इसका सटीक इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है। सर्वाइकल कैंसर को काफी हद तक वैक्सीन के जरिए रोका जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक करीब 95 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर की वजह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) है। इसे रोकने के लिए भारत में साल 2008 से गार्डासिल और सर्वारिक्स नाम की दो वैक्सीन उपलब्ध हैं।
भारत में हर साल 77 हजार महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर से विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक साल 2018 में दुनिया में पांच लाख 70 हजार महिलाएं एचपीवी वायरस से संक्रमित होकर सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित हुई ं। इनमें से 3 लाख, 11 हजार की मौत हो गई।
भारत में हर साल सर्वाइकल कैंसर के करीब 1 लाख 25 हजार नए मामले आते हैं और इनमें से 77 हजार को जान गंवानी पड़ती है। इसकी एक बड़ी वजह लोगों में वैक्सीन को लेकर जागरूकता की कमी है। अगर सबको एचपीवी वैक्सीन लगाई जाए तो इनमें से ज्यादातर महिलाओं की जान बच सकती है।
एचपीवी क्या है
एचपीवी एक तरह का वायरस है जिसके 100 से भी ज्यादा वेरिएंट हैं। ज्यादातर वेरिएंट्स खतरनाक नहीं हैं। इनसे कोई नुकसान नहीं होता है। बस इनके कारण हाथ, पैर या चेहरे पर मस्से हो सकते हैं।
लेकिन इस वायरस के करीब 14 स्ट्रेन ऐसे हैं, जो कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं। इससे महिलाओं और पुरुषों में जननांगों, होंठ, जीभ और गले खासकर फैरिंक्स के कैंसर का जोखिम होता है। सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि यह वायरस शरीर में जमकर बैठा रहता है पर पता नहीं चलता कि हम कैंसर पैदा करने वाला खतरनाक वायरस लेकर घूम रहे हैं। अगर इस दौरान ये लोग किसी के साथ यौन संबंध बनाते हैं तो बहुत आशंका है कि दूसरा व्यक्ति भी इससे संक्रमित हो जाएगा।
कैंसरस एचपीवी वायरस का खतरा पुरुषों और महिलाओं दोनों को अभी तक महिलाओं को एचपीवी वैक्सीन लगवाने के लिए जागरुक करने की कई मुहिम चलाई गई हैं। इससे एक धारणा बन गई है कि एचपीवी के इन्फेक्शन से सिर्फ महिलाओं को ही खतरा है। यह सच नहीं है। यह वायरस पुरुषों के शरीर में जाने पर उन्हें भी कई तरह के कैंसर का जोखिम दे सकता है।
सभी लोग अपने जीवन में कभी-न-कभी एचपीवी वायरस के संपर्क में आते हैं लेकिन हमारा शरीर लड़कर उसे खत्म कर देता है लेकिन अगर इम्यूनिटी कमजोर है तो यह वायरस सर्विक्स एरिया की कोशिकाओं को कैंसरस कोशिकाओं में तब्दील करना शुरू कर देता है।