ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगातार छठी बार ब्याज दरों (रेपो रेट) में कोई बदलाव नहीं किया है। इसे 6.5 प्रतिशत पर जस का तस रखा है। इसका मतलब है कि आपके होम, ऑटो, पर्सनल और अन्य लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी ईएमआई भी नहीं बढ़ेगी। आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की थीं। आरबीआई ने कहा है कि महंगाई को 4 प्रतिशत पर लाने और ग्लोबल अनिश्चितता के बीच इकनॉमिक ग्रोथ को गति देने के मकसद से रेपो रेट को यथावत रखा गया है। रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर कमर्शियल बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आरबीआई से कर्ज लेते हैं। आरबीआई को रिटेल इन्फ्लेशन दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, मौजूदा घरेलू और ग्लोबल परिस्थितियों पर गौर करने के बाद रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया है।
जीडीपी ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत रहने का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि परिवारों का उपभोग बढ़ने और निजी निवेश में सुधार से अगले वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ दर सात प्रतिशत रहेगी। दास ने कहा कि ग्लोबल चुनौतियों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। मजबूत निवेश गतिविधियों के साथ घरेलू आर्थिक गतिविधियां मजबूत हो रही हैं। हालांकि ग्लोबल लेवल पर जारी तनाव, इंटरनेशनल फाइनेंशियल बाजार में उतार-चढ़ाव जैसे कारणों से कुछ रिस्क भी हैं। आरबीआई गवर्नर के अनुसार, इन सब फैक्टर्स को देखते हुए जीडीपी ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इन्फ्लेशन के बारे में उन्होंने कहा कि महंगाई की स्थिति फूड इन्फ्लेशन के सिनेरियो से तय होगी।