नई दिल्ली। हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस्माइल हानिया की ईरान में हत्या कर दी गई। ईरान की सेना ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने भी इसकी पुष्टि की है। रिपोर्ट्स के अनुसार तेहरान में स्थित इस्माइल हानिया के घर पर हमला हुआ, जिसमें एक अंगरक्षक समेत हमास मुखिया की मौत हो गई। हमास ने इस्राइल पर इस हमले का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि इस्राइल-हमास के बीच पिछले साल अक्तूबर में शुरू हुए संघर्ष के बाद इस्राइली सरकार ने हमले का बदला लेने और इसके जिम्मेदारों को उनके अंजाम तक पहुंचाने की चेतावनी भी जारी की थी।
हमास के आरोप
ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के जनसंपर्क विभाग ने बताया कि हमला बुधवार की सुबह हुआ और घटना की जांच की जा रही है। बयान में इस्माइल हानिया की मौत पर दुख जताया गया और फलस्तीन के लोगों के प्रति समर्थन जताया गया। हमास ने भी बयान जारी कर इस्माइल हानिया की मौत की पुष्टि की है और साथ ही हत्या का आरोप इस्राइल पर लगाया है। हमास ने धमकी दी है कि इसका बदला इस्राइल से लिया जाएगा।
इस्राइल की ओर से प्रतिक्रिया नहीं
हालांकि अभी तक इस्राइल की तरफ से इसे लेकर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। इससे पहले मंगलवार को ईरान के नए राष्ट्रपति के एक कार्यक्रम में इस्माइल हानिया शामिल हुआ था और उसने ईरान के सुप्रीम लीडर से भी मुलाकात की थी।
2006 में हमास का प्रधानमंत्री बना था
इस्माइल ने दूसरे इंतिफादा में भी अहम भूमिका निभाई थी और इसके चलते हानिया को इस्राइल के सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया था। वह छह महीने तक इस्राइल की जेल में रहा और बाद में एक समझौते के तहत हानिया समेत 400 अन्य लोगों को लेबनान निर्वासित कर दिया गया। इसके बाद साल 1993 में ओस्लो समझौते के बाद हानिया की गाजा में वापसी हुई। साल 2006 में हानिया गाजा में चुनी गई हमास की सरकार में प्रधानमंत्री बना और उसके बाद से ही इस्राइल और हमास के बीच तनाव लगातार बढ़ता चला गया।
बीते दिनों ही इस्राइली सेना ने हानिया के तीन बेटों आमिर, हाजेम और मोहम्मद गाजा को भी हवाई हमले में ढेर कर दिया था। 7 अक्तूबर के हमले के बाद से इस्राइल ने हमास के कई शीर्ष आतंकियों को ढेर किया है। मंगलवार को ही इस्राइल ने हिजबुल्ला के शीर्ष नेता फौद शुक्र को भी एक हवाई हमले में मार गिराया था। हिजबुल्ला के नेता की मौत उस हमले के बाद हुई है, जिसमें गोलन हाइट्स में एक कथित हिजबुल्ला के हमले में इस्राइल के 12 किशोरों की मौत हो गई थी।