ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सरकारी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ है। कंपनी को 29,810 करोड़ का रेवेन्यू मिला है, जो बीते साल की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है।
इससे पहले 2022-23 में भी कंपनी ने 9 पर्सेंट की ग्रोथ हासिल की थी। तब कंपनी को कुल 26,928 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। कंपनी के चीफ सीबी अनंतकृष्णन ने कहा, ‘सप्लाई चेन में कई भूराजनीतिक चुनौतियों के बाद भी हमने सफलता पाई है। पूरे साल हमारा अच्छा प्रदर्शन रहा है। 31 मार्च 2024 तक हमारे पास बीते वित्त वर्ष में कुल 94 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर रहे। हमें उम्मीद है कि नए वित्त वर्ष में भी मजबूत ग्रोथ रहेगी।’
मैन्युफैक्चरिंग कॉन्ट्रैक्ट
उन्होंने कहा कि कंपनी को कुल 19 हजार करोड़ रुपये के मैन्युफैक्चरिंग कॉन्ट्रैक्ट मिले। इसके अलावा 16 हजार करोड़ के रिपेयरिंग एवं ओवरहॉलिंग के ठेके प्राप्त हुए। कुछ दिन पहले ही तेजस एमके-1ए एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी थी, जिसे एचएएल ने ही तैयार किया है।
2021 में 48 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट
भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2021 में कंपनी को 48 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट दिया था। इसके तहत 83 लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट की आपूर्ति करनी थी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का कहना है कि हमने बीते कुछ सालों में लगातार ग्रोथ हासिल की है। हमारी यह रफ्तार कायम है और लगातार नए ऑर्डर भी मिल रहे हैं।
कंपनी की ओर से तेजस एयरक्राफ्ट तैयार करने को बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि बीते साल एचएएल और अमेरिकी इंजन निर्माता कंपनी जनरल इलेक्टि्रक के बीच तकनीक के ट्रांसफर को लेकर समझौता हुआ है।
इसके तहत भारत में ही जीई-414 एयरो-इंजनों का निर्माण होना है। इसके लिए अमेरिकी कंपनी 80 फीसदी तकनीकी ट्रांसफर करेगी।
उत्कृष्ट तकनीक वाले इंजन
कंपनी का कहना है कि इससे हम उत्कृष्ट तकनीक वाले इंजनों के निर्माण में आत्मनिर्भर हो सकेंगे। कंपनी के चीफ ने कहा कि हमारी कोशिश है कि नई तकनीक हासिल की जाए और अब हथियारों और जेट्स का इस्तेमाल उनके आधार पर हो। बता दें कि भारत की वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी एयरफोर्स है। उसकी ओर से दिए ऑर्डरों से भी कंपनी को बड़ा फायदा हुआ है।