संदीप सक्सेना
नई दिल्ली | विकास में स्थिरता की आवश्यकता पर जोर देने के लिए यू एन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया (यू एन जीसीएनआई) ने स्कोप कन्वेंशन सेंटर, लोधी रोड में 11वें सुबीर राहा मेमोरियल व्याख्यान का आयोजन किया। यू एन जीसीएनआई के संस्थापक-अध्यक्ष सुबीर राहा के योगदान का सम्मान करने के लिए प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में पद्म भूषण डॉ. वी.के.सारस्वत, नीति आयोग के सदस्य और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति व अन्य गण्यमान्य लोग शामिल हुए। कुलपति द्वारा ‘सतत ऊर्जा परिवर्तन’ पर भाषण दिया गया।
यू एन जीसीएनआई, पश्चिमी क्षेत्र की उपाध्यक्ष सुश्री सुनीता सुले ने उद्घाटन भाषण प्रस्तुत किया और व्यापार जगत के नेताओं को उन प्रतिबद्ध कार्यों से अवगत कराया जो यू एन जीसीएनआई ने सभी क्षेत्रों के नेताओं की सक्रिय भागीदारी के साथ सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को सफलतापूर्वक लागू करने की दिशा में किए हैं।
अरुण कुमार सिंह ने कहा, आने वाले वर्षों में भारत डीकार्बोनाइजेशन का सबसे बड़ा वैश्विक उत्सर्जक बनने जा रहा है। डॉ. वी.के.सारस्वत ने ऊर्जा के लिए भारत के अभियान के वर्तमान परिदृश्य में शामिल विभिन्न कारकों के बारे में बात की और कहा कि पिछले तीन दशकों में ऊर्जा की मांग तीन गुना हो गई है जिसमें कोयले और तेल की प्रमुख भूमिका है। व्याख्यान में दिवंगत सुबीर राहा की बेटी सुश्री शुवा राहा भी उपस्थित थीं, जिन्होंने सुबीर राहा की कार्यशैली और रणनीतियों के बारे में बातें साझा कीं। व्याख्यान के अंत में यू एन जीसीएनआई, दक्षिणी क्षेत्र के उपाध्यक्ष प्रशांत तिवारी ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा ही आगे का रास्ता है।