संजय द्विवेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा स्तर सुधारने के लिए अब सर्वोदय विद्यालयों (जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय) में ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है। ग्रेडिंग सिस्टम के तहत स्कूलों का मूल्यांकन पूर्व निर्धारित अंकों के आधार पर किया जाएगा और उन्हें गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज में वर्गीकृत किया जाएगा।
साल में पांच बार होगा मूल्यांकन
समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत ने इस संबंध में विभाग के अधिकारियों के साथ सर्वोदय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को जरूरी दिशा निर्देश भेजे हैं। इनमें कहा गया है कि ग्रेडिंग के लिए प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में प्रत्येक विद्यालय का पांच बार मूल्यांकन किया जाएगा। पहला मूल्यांकन बोर्ड परीक्षा के बाद, दूसरा पहले यूनिट टेस्ट के बाद, तीसरा मूल्यांकन दूसरे यूनिट टेस्ट के बाद, चौथा मूल्यांकन अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद और पांचवां मूल्यांकन चौथे यूनिट टेस्ट के बाद होगा।
फैसला पिछले शैक्षणिक सत्र में हो चुका विद्यालयों में यूनिट टेस्ट करवाए जाने का फैसला पिछले शैक्षणिक सत्र में हो चुका है। पढ़ाई के साथ विद्यालयों में सांस्कृतिक और खेलकूद की गतिविधियों, विद्यालय की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था, नवाचार, स्िप्लट ऑफ सिलेबस (समयावधि में पाठ्यक्रम की पूर्णता), ऑनलाइन शैक्षणिक कार्यक्रम, स्कूल की क्रियाशीलता और विद्यालय के छात्र-छात्राओं के सी यूईटी, नीट, जेईई और क्लैट की परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन को मानकों में रखा गया है।
इन मानकों पर मूल्यांकन
– छात्रों और शिक्षकों की मासिक उपस्थिति के दस-दस अंक।
– 91 से 100 फीसदी तक उपस्थिति पर दस अंक।
– 81 से 90 फीसदी उपस्थिति पर आठ अंक तय किए गए हैं।
– 50 फीसदी से कम उपस्थिति पर शून्य देने का प्रावधान है।
– इसी तरह हाईस्कूल और इंटर के परीक्षा परिणाम पर होगा मूल्यांकन।
सिर्फ दो विद्यालयों को ए श्रेणी में
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर के परिणाम के बाद समाज कल्याण विभाग ने परीक्षण के तौर पर यूपी बोर्ड से जुड़े 51 विद्यालयों की ग्रेडिंग कराई, तो सिर्फ दो विद्यालय (सर्वोदय बालिका विद्यालय, कौड़िहार प्रयागराज और सर्वोदय विद्यालय मेहरौना, देवरिया) ही ए श्रेणी में आए। हमीरपुर, महोबा, बांदा, कानपुर नगर और कौशाम्बी के पांच विद्यालय बी श्रेणी में अपनी जगह बना पाए। बाकी 44 विद्यालय ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी में हैं।