नीलोत्पल आचार्य
नई दिल्ली। सरकार ने हाल ही में 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक ही गोली में एक से ज्यादा दवाओं को मिलाकर बनाई गई दवाएं फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन ड्रग्स (एफडीसी) कहलाती हैं।इनमें एंटीबायोटिक्स, एंटीएलर्जिक्स, दर्द निवारक, मल्टीविटामिन और बुखार और हाइपरटेंशन के इलाज के लिए कॉम्बिनेशन डोज शामिल हैं।
एक विशेषज्ञ समिति ने और अधिक एफडीसी का अध्ययन किया है और पाया है कि ये मानव स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं। समिति ने सरकार से इन पर भी प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। इस फैसले के बाद दवा बाजार में हलचल है।
एफडीसी की समीक्षा
इन एफडीसी की समीक्षा 2019 में शुरू हुई थी और समिति ने 2021 के अंत में अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें 156 एफडीसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई थी। इनमें दर्द निवारक, बुखार और सूजन के लिए मेफेनमिक एसिड और पैरासिटामोल इंजेक्शन और पेट दर्द के इलाज के लिए ओमेप्राजोल मैग्नीशियम और डाइसाइक्लोमाइन एचसीआई शामिल हैं।
दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई
यह 2016 में 344 एफडीसी पर प्रतिबंध लगाने के बाद से दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई है। सरकार ने दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) और सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद यह निर्णय लिया। अभी 16 और एफडीसी पर नजर है और जल्द ही इन पर भी प्रतिबंध लगने की संभावना है।
पूर्व में कुछ कंपनियों ने सरकार के प्रतिबंध को चुनौती दी। दिसंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को डीटीएबी को सौंप दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया था कि डीटीएबी को यह तय करना चाहिए कि इन दवाओं के निर्माण और बिक्री को विनियमित किया जाए, प्रतिबंधित किया जाए या पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए और समिति को सरकार को अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए कहा।
सरकार ने समिति की रिपोर्ट पर अब इन दवाओं को प्रतिबंधित कर दिया है।