दीपक द्विवेदी / विनोद शील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले भारतीय गणतंत्र ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर अफ्रीकी यूनियन को समूह में जुड़वाकर जी20 को जी21 बनाकर एक नया शानदार अध्याय जोड़ा है। इतना ही नहीं, जी20 अब संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरे नंबर का सबसे प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय फोरम बन गया है। इस नई ऐतिहासिक डिप्लोमैटिक माइलस्टोन क्रांति (रिवोल्यूशन) की दुनिया के सभी ताकतवर (विकसित) और कमजोर (विकासशील) देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने जमकर प्रशंसा करते हुए इसे एक नए उभरते हुए बहुउपयोगी विश्व पटल की संज्ञा दी है।
भारत की जी20 समिट की सबसे अहम बात ये रही कि जी20 की थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ के साथ ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेे अपने निजी संकल्प ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को ग्लोबल मान्यता दिला दी है। इन दोनों थीम की ताकत पर ही भारत ने आम सहमति से नई दिल्ली घोषणापत्र जारी करवाने में एक माइलस्टोन कामयाबी हासिल की है। इसके 37 पन्नों के 83 मुद्दों पर सौ प्रतिशत सहमति बनी। भारत के अलग-अलग राज्यों के मॉडल का भी घोषणापत्र में जिक्र किया गया है।
देश की राजधानी दिल्ली में जी20 समूह की 18वीं शिखर बैठक 9 व 10 सितंबर को ‘भारत मंडपम’ में भव्यतापूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। भारत की अध्यक्षता और पीएम मोदी के नेतृत्व में मानव कल्याण और जनविकास के दृष्टिगत अनेक महत्वपूर्ण निर्णय सर्वसम्मति से लिए गए।
भारत की अनेक पहलों (इनिशिएटिव्स) को दुनिया की मान्यता मिली। इसे भारत की एक ‘बड़ी एवं बढ़ी’ भूमिका के रूप में विश्व में देखा जा रहा है। जी20 के अन्य महत्वपूर्ण नतीजों में ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस का गठन और भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप के बीच रेल-शिप कॉरिडोर बनाने पर सहमति भी शामिल है। कॉरिडाेर को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) प्रोजेक्ट का जवाब माना जा रहा है। इसकी शुरुआत 2013 में हुई थी जिसका मकसद कई देशों को सड़कों, रेलवे और पोर्ट्स के साथ जोड़ना था।
चीनी राष्ट्रपति बीआरआई के जरिए चीन को व्यापार के लिए एशिया, यूरोप, अफ्रीका से जोड़ना चाहते हैं पर चीन का बीआरआई प्रोजेक्ट मुश्किलों में घिरा है और कई देश उससे हटना चाह रहे हैं। इटली ने हाल ही में उससे अलग होने की बात भी कही है।
पीएम मोदी ने जी20 समूह की बैठक में अपना यह कथन दोहराया कि परमाणु हथियारों का प्रयोग कतई नहीं होना चाहिए क्योंकि ‘आज का युग, युद्ध का युग नहीं है’। पीएम ने कहा कि आतंकवाद का कोई भी रूप स्वीकार नहीं है। नई दिल्ली घोषणापत्र में भी नौ बार आतंकवाद और चार बार यूक्रेन युद्ध का जिक्र है । पीएम मोदी ने जी20 मंच से कहा कि पुरानी चुनौतियां आज नए समाधान मांग रही हैं। यह समिट 21वीं सदी को नई दिशा-दशा प्रदान करेगा। उन्होंने जी20 के मंच से विश्व को अपना यह सिद्धांत समझाया कि आज ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सिद्धांत को अपनाने की जरूरत है। देशों के बीच आज जो विश्वास का संकट बन गया है उसे समाप्त करने के प्रयास होने चाहिए।
हम विश्वास के इस संकट को ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सिद्धांत को अपना कर दूर कर सकते हैं। इससे सस्टेनेबल डेवेलपमेंट का लक्ष्य हासिल करने के प्रयास भी बेहतर तरीके से पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि शांति के लिए हथियार तस्करी पर भी रोक लगाया जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त पीएम मोदी ने ‘नए ब्रांड भारत के ग्रैंड ’ दर्शन भी भारत मंडपम में दुनिया को कराए। उन्होंने दुनिया को एक चश्मे से नहीं, 360 डिग्री एंगल से भारत के देखने का तरीका समझाया।
भारत मंडपम में जहां 13वीं सदी के कोणार्क सूर्य मंदिर के चक्र के सामने सुबह के सत्र में पीएम मोदी ने जी20 के मेहमानों का अभिवादन किया वहीं शाम को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के साथ 5वीं सदी के नालंदा विश्वविद्यालय के भव्य चित्र के समक्ष रात्रिभोज पर आगंतुकों का सम्मान किया एवं उन्हें भारत की समृद्ध विरासत से परिचित भी कराया। आगमन मार्ग में भगवान नटराज की मूर्ति और योग मुद्राओं के भित्ति चित्र भी भारत की परंपराओं की भव्य गाथा का बखान स्वयं कर रहे थे। भारत मंडपम में भारत की कला, कारीगरी, संगीत और अन्य आकर्षणों के जरिए विदेशी मेहमानों ने ‘भारत दर्शन’ किया।
राष्ट्रपति के भोज में अनेक मेहमान भारतीय रंग में नजर आए और उन्होंने विभिन्न भारतीय व्यंजनों का स्वाद चखा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतिम दिन जी20 में हिस्सा ले रहे देशों के सुझावों, प्रस्तावों और विचारों पर चर्चा करने के लिए नवंबर से पहले एक वर्चुअल सेशन करने की पेशकश के साथ ही सम्मेलन के समापन का एलान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के अंतिम दिन ब्राजील के राष्ट्रपति को जी20 की अध्यक्षता सौंप दी। उन्होंने कहा कि ब्राजील के औपचारिक रूप से जी20 देशों की अध्यक्षता लेने से पहले भारत के पास ढाई महीने का समय है और इसमें जो सुझाव आए हैं, उन पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने ‘वन अर्थ, वन फैमिली,वन फ्यूचर’ यानि ‘वसुधैव कुटुंबकम ्’ के रोडमैप के सुखद होने की कामना के साथ सम्मेलन में हिस्सा ले रहे देशों को धन्यवाद भी दिया।
– आतंकवाद का काेई रूप स्वीकार नहीं
– पुरानी चुनौतियां मांग रहीं हमसे नए समाधान
– 21वीं सदी को नई दिशा-दशा देगा यह जी20 समिट
– सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के अपने सिद्धांत को दिलाई अंतरराष्ट्रीय पहचान
– विश्वास के संकट को भी हम कर सकते हैं दूर
– परमाणु हथियारों का प्रयोग न हो क्योंकि यह युद्ध का युग नहीं
– हथियार तस्करी पर लगे रोक और सभी करें सस्टेनेबल डेवलपमेंट का प्रयास
– दुनिया को एक चश्मे से नहीं, 360 डिग्री एंगल से कराए भारत के दर्शन
– घोषणापत्र में नौ में बार आतंकवाद, चार बार यूक्रेन युद्ध का जिक्र
– जी20 बना जी21, भारत ने कराई अफ्रीकी संघ की एंट्री
– संयुक्त राष्ट्र के बाद जी21 दूसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय फोरम
– आम सहमति से तैयार हुआ नई दिल्ली घोषणापत्र
– ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस का गठन
– भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप के बीच बनेगा रेल-शिप कॉरिडोर
– भारत मंडपम में कोणार्क, नालंदा विश्वविद्यालय, भगवान नटराज व योगासन की मुद्राओं से कराया भारतीय संस्कृति का परिचय
– अलग-अलग राज्यों के मॉडल का घोषणापत्र में जिक्र
– राष्ट्रपति के भोज में भारतीय रंग में नजर आए मेहमान, चखा भारतीय व्यंजनों का स्वाद