नई दिल्ली। भारतीय सेना में 57 हजार करोड़ रुपए के 1770 फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल ( एफआरसीवी ) शामिल किए जाएंगे। इसके लिए शीघ्र ही रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरईएफ) जारी की जाएगी। इन आधुनिक और घातक टैंकों के शामिल होने के बाद टी-72 टैंकों को हटा दिया जाएगा।
एफआरसीवी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन इंटीग्रेशन, एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम, सिचुएशनल अवेयरनेस, मैन्ड और अनमैन्ड टीमिंग की व्यवस्था होगी। भारत के पास इस समय 2400 टी-72 टैंक हैं। इसके अलावा रूस में बने 1657 टी-90 भीष्म टैंक में से 1200 सेना में शामिल हो चुके हैंै।
अर्जुन एमके-1ए टैंक
इस साल सेना अपने बेड़े में अर्जुन एमके-1ए टैंक शामिल करने जा रही है। कुल मिलाकर 118 टैंक शामिल होंगे। इन टैंकों में 14 मेजर और 57 माइनर अपग्रेड किए गए हैं। इसके बाद इनकी फायर पावर, मोबिलिटी, एंड्यूरेंस और प्रोटेक्शन क्षमताएं बढ़ गई हैं। 124 अर्जुन टैंक एक दशक पहले शामिल किए गए थे।
354 स्वदेशी लाइट टैंक
17,500 करोड़ रुपए से 354 स्वदेशी लाइट टैंक यानी जोरावर सेना में शामिल किए जाएंगे। इन टैंकों को चीन और पाकिस्तान से सटी हिमालय वाली सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। इन टैंकों का वजन 25 टन से कम होगा। यानी इन्हें आसानी से हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर से लद्दाख जैसी जगहों पर पहुंचाया जा सकता है।
कौन करेगा निर्माण
इन लाइट टैंकों में से 59 को डीआरडीओ बनाएगा। बाकी 295 को सरकार द्वारा तय की गई कंपनी मेक-1 कैटेगरी में बनाएगी। डीआरडीओ जब शुरूआती ट्रायल्स पूरा कर लेगा तब इसके बाद कुछ अपग्रेड किए जाएंगे। इनमें एक-दो साल लगने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्रालय ने फिलहाल टी-72 टैंकों की फ्लीट को अपग्रेड करने के लिए 1000 हॉर्सपावर वाले इंजनों को मंजूरी दे दी है। अभी तक इन टैंकों के इंजन की ताकत 780 हॉर्सपावर थी। 2300 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के तहत 200 इंजन इंपोर्ट होंगे, जबकि बाकी के 800 इंजन भारत में ही बनाए जाएंगे।
– टी-72 टैंकों को हटाया जाएगा फ्लीट से
तीन स्टेज में सेना में शामिल
एफआरसीवी को तीन स्टेज में सेना में शामिल किया जाएगा। पहले फेज में 590 टैंक शामिल होंगे। हर फेज में नई टेक्नोलॉजी इसमें जुड़ती चली जाएगी ताकि टैंक ज्यादा समय तक सुरक्षित रहें व ज्यादा घातक होकर सटीक हमला कर सकें, सैनिकों को अपने अंदर सुरक्षित रख सकें।
एफआरसीवी ऐसे टैंक
एफआरसीवी ऐसे टैंक होंगे जिन पर हवाई हमलों का कम असर होगा, वे ज्यादा सुरक्षित संचार व्यवस्था से लैस होंगे, कई तरह के गोले दाग सकेंगे, कई तरह की मिसाइलों से हमला कर सकेंगे और एंटी-ड्रोन सेफगार्ड हों एवं इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में दक्ष होंगे।