ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन न होने के मामले में कोर्ट ने अभूतपूर्व कदम उठाया है। कोर्ट ने फिनोलेक्स केबल्स लिमिटेड के चेयरमैन रहे दीपक छाबड़िया पर एक करोड़ रुपये और स्क्रूटनाइजर पर दस लाख रुपये जुर्माना लगाया है। ये राशि अगले दो हफ्ते में प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करने को कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायिक सदस्य राकेश कुमार और तकनीकी सदस्य आलोक श्रीवास्तव की सदस्यता वाली राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) की पीठ ने फिनोलेक्स केबल्स मामले में अपना फैसला सुनाकर उसके 13 अक्टूबर के आदेश की जानबूझकर अवहेलना की।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कुमार और श्रीवास्तव के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी। न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लिया कि न्यायिक सदस्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और कुमार के आदेशों का केवल पालन करने वाले श्रीवास्तव ने बिना शर्त माफी मांग ली है। पीठ ने कहा, हमारा मानना है कि इस अदालत के आदेशों की अवहेलना करने की कोशिश की गई है।
पीठ ने इस कॉरपोरेट विवाद के एक पक्षकार दीपक छाबड़िया पर एक करोड़ रुपये और मामले में उनकी भूमिका के एक जांचकर्ता पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि राशि का भुगतान चार सप्ताह में किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, मैंने 23 साल के जज के कार्यकाल में किसी जज को पहली बार अवमानना नोटिस दिया है। एनसीएलएटी ने जानबूझकर हमारे आदेशों की अवेहलना की।