विनोद शील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र और बहुत जल्दी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लेकर अपने तीसरे कार्यकाल (3.0) की शुरुआत की है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि विश्व के प्रतिष्ठित आर्थिक संगठन जैसे विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) एवं अनेक रेटिंग एजेंसियां भी यह मानती हैं कि तमाम विकसित देशों की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था अत्यंत सुदृढ़ तरीके से आगे बढ़ रही है और आने वाले समय में भी यह गति बरकरार रहेगी। पीएम मोदी ने अलग-अलग अवसरों पर किसानों, युवाओं और महिलाओं को भारत के विकास का इंजन बताया। इन्हीं के बूते देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा एवं विकसित भारत बनाने में इन सबकी अहम भूमिका होगी।
मोदी ने कहा- वैश्विक चुनौतियों का हल ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ से संभव…
भारत में 65 साल बाद आयोजित हुए कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, छोटे किसान देश की खाद्य सुरक्षा और विकसित भारत की गारंटी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि किसान देश की ताकत हैं और भारतीय कृषि की विविधता इस देश को विश्व की खाद्य सुरक्षा के लिए आशा की किरण बनाती है। सात दिवसीय इस सम्मेलन में दुनिया भर के 70 देशों के करीब 1000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें 40 प्रतिशत से अधिक महिला प्रतिनिधि थीं।
आज भारत, दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विश्व की चुनौतियों से ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ के समग्र दृष्टिकोण से ही निपटा जा सकता है जोकि भारत में हुए जी20 शिखर सम्मेलन का आधार सूत्र वाक्य भी था। आज भारत अपनी जरूरत से अधिक अन्न पैदा करने वाला देश है। आज भारत, दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत अनाज, फल, सब्जियों, कपास, चीनी, चाय, जलीय मछली का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। ‘एक वो समय था, जब भारत की खाद्य सुरक्षा, दुनिया की चिंता का विषय था। एक आज का समय है, जब भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा के समाधान देने में जुटा है। इसलिए, ‘फूड सिस्टम ट्रांसफॉर्मेशन’ जैसे विषय पर चर्चा करने के लिए भारत के अनुभव बहुमूल्य हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ विशेषकर ग्लोबल साउथ को मिलना तय है।
देश के 90 फीसद किसान परिवारों के पास बहुत कम जमीन
प्रधानमंत्री ने कहा, कृषि क्षेत्र भारत की आर्थिक नीति में केंद्रीय महत्व रखता है। हमारे यहां, करीब 90 प्रतिशत कृषक परिवार ऐसे हैं, जिनके पास बहुत कम जमीन है। ये छोटे किसान ही भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत है। यही स्थिति एशिया के कई विकासशील देशों में है। इसलिए भारत का मॉडल कई देशों के काम आ सकता है। भारत का बहुत जोर जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील फसलों से जुड़े अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने पर है।
– कृषि सम्मेलन में 40 प्रतिशत से अधिक महिला प्रतिनिधि
– ‘मेक इन इंडिया’ को गति देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार
10 सालों में फसलों की 1900 नई किस्मों का विकास
मोदी ने बताया, बीते 10 वर्षों में भारत ने फसलों की करीब 1900 ऐसी नई किस्मों का विकास कर उनको किसानों को दिया है जो वातावरण के बढ़ते तापमान को सहन करने में समर्थ हैं।
हमारे यहां धान की कुछ किस्में ऐसी भी हैं, जिनको परंपरागत किस्मों के मुकाबले, एक चौथाई कम पानी चाहिए।
किसानों को डिजिटलीकरण से लाभ
पीएम ने कहा, हम कृषि में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए एक क्लिक पर 10 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 30 सेकेंड में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। हम डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं। किसान रियल टाइम सूचना से डाटा के आधार पर फैसले ले सकेंगे।
आत्मनिर्भरता की ओर कदम
इसके अलावा ‘मेक इन इंडिया’ के तहत देश में तेजी से रक्षा सामग्री का निर्माण होने लगा है। इसे और गति देने के लिए सरकार ने एक और कदम उठाया है। इसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनियों से कहा गया है कि वे सौ फीसदी स्वदेशी सामग्री से रक्षा सामान तैयार करें। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इसके पीछे उद्देश्य विदेशों से रक्षा आयात के खर्च को कम करना है।
इलेक्ट्रॉनिक निर्यात अप्रैल-जून तिमाही में तीसरे स्थान पर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सुधारों की वजह से मेक इन इंडिया को रफ्तार मिली है। हमारे युवा ही इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भारत की शक्ति हैं। देश का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में शीर्ष 10 में तीसरे स्थान पर रहा है। वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम उत्पादों के बाद देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात तीसरे स्थान पर रहा है। प्रधानमंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, यह भारत के लिए खुशी का क्षण है। भारत इस गति को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में बड़ा हिस्सा आईफोन निर्यात का है।
जम्मू-कश्मीर में आकांक्षाओं को पूरा करेगी सरकार
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की पांचवीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने कहा कि यह कदम देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण क्षण था। उन्होंने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में प्रगति व समृद्धि का नया युग शुरू हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वासन देता हूं कि हमारी सरकार उनके लिए काम करती रहेगी और आने वाले समय में उनकी आकांक्षाओं को पूरा करेगी। उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ ही उन महिलाओं, युवाओं, पिछड़ों और आदिवासियों को सुरक्षा, गरिमा व अवसर मिले जो विकास के लाभ से वंचित थे। रोजगार के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही इसने यह सुनिश्चित किया कि जम्मू-कश्मीर को भ्रष्टाचार से दूर किया जाए जिसने दशकों से इसे त्रस्त कर रखा था।
‘कृषि में वृद्धि दर सर्वाधिक’
उद्घाटन सत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र की पहल से आज भारत में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर दुनिया में सर्वाधिक है। हम कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ मानव और भूमि की उर्वरता पर भी ध्यान दे रहे हैं।
इंडिया रेटिंग्स ने भारत का वृद्धि अनुमान बढ़ाया
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने उपभोग मांग में सुधार की उम्मीद के बीच चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का वृद्धि अनुमान आरबीआई के अनुमान से अधिक है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था।
डेनिस फ्रांसिस ने मोदी सरकार को सराहा
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल क्रांति के जरिये 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल रहा है। डेनिस फ्रांसिस ने कहा, फोन और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं के जरिये यह सफलता हासिल हो सकी है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार में डिजिटल क्रांति हुई है। इससे इंटरनेट कनेक्शन 17 करोड़ से बढ़कर 90 करोड़ हो गए। इतना ही नहीं, बैंक खाता धारकों की संख्या 14 करोड़ से बढ़कर 52 करोड़ हो गई है। भारत ने डिजिटल माध्यम से तीव्र विकास किया है। वर्ष 2014 के बाद यह सब देखने को मिल रहा है।