ब्लिट्ज ब्यूरो
बेटी बनाम बहू
बारामती: शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले 2009 से बारामती से एनसीपी का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, इस साल उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी सुनेत्रा पवार थीं, जो उनके चचेरे भाई अजीत पवार की पत्नी हैं, जिन्होंने एनसीपी को विभाजित किया था। विजेता : सुप्रिया सुले
बहू बनाम चाचा-ससुर
हिसार : नैना (जेजेपी) बनाम सुनैना (आईएनएलडी) बनाम रंजीत चौटाला (बीजेपी)। नैना चौटाला जेजेपी प्रमुख अजय सिंह चौटाला की पत्नी हैं, सुनैना चौटाला अभय चौटाला के चचेरे भाई रवि चौटाला की पत्नी हैं और रंजीत चौटाला सुनैना और नैना के ससुर के भाई हैं। कांग्रेस के जयप्रकाश भी मैदान थे। विजेता : जयप्रकाश
‘क्वीन’ बनाम ‘किंग’
मंडी (हिमाचल प्रदेश) : कंगना रनौत (भाजपा) बनाम विक्रमादित्य सिंह (कांग्रेस)। कंगना ‘क्वीन’ सहित महिला प्रधान फिल्मों में अपनी दमदार भूमिकाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके प्रतिद्वंद्वी विक्रमादित्य सिंह थे, जो शाही परिवार में पैदा हुए थे और हिमाचल के छह बार मुख्यमंत्री रहे अपने पिता वीरभद्र सिंह की मृत्यु के बाद उन्हें राजा बनाया गया था। विजेता : कंगना रनौत
पूर्व प्रमुखों में भिड़ंत
सिरसा : कुमारी शैलजा (कांग्रेस) बनाम अशोक तंवर (भाजपा)। इस निर्वाचन क्षेत्र के दोनों प्रमुख उम्मीदवार कांग्रेस की हरियाणा इकाई के पूर्व अध्यक्ष थे। तंवर 2014 में एचपीसीसी अध्यक्ष बने और 2019 में सैलजा ने उनकी जगह ली। उन्होंने अक्टूबर 2019 में कांग्रेस छोड़ दी। विजेता: कुमारी शैलजा
भाई बनाम भाई
विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) के श्रीनिवास (वाईएसआरसीपी) बनाम के शिवनाथ (टीडीपी)। श्रीनिवास अनुभवी राजनेता हैं, जबकि उनके भाई शिवनाथ, जो एक व्यवसायी हैं, पहली बार चुनावी किस्मत आजमा रहे थे। विजेता : शिवनाथ
माफिया कनेक्शन
गाजीपुर (यूपी) : अफजल अंसारी (एसपी) बनाम नुसरत अंसारी (निर्दलीय)। अफजल बड़े भाई हैं और नुसरत माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की भतीजी हैं, जिनकी 28 मार्च को बांदा जेल में मौत हो गई थी। विजेता : अफजल अंसारी
साले-साले में टक्कर
अल्मोड़ा (उत्तराखंड) : प्रदीप टम्टा (कांग्रेस) बनाम प्रमोद कुमार (पीपीआई)। प्रदीप टम्टा पीपीआई डेमोक्रेटिक उम्मीदवार प्रमोद कुमार के साले हैं। हालांकि, असली लड़ाई प्रदीप और भाजपा के अजय टम्टा के बीच थी।
विजेता : अजय टम्टा
पारिवारिक लड़ाई
धाराशिव (महाराष्ट्र) : अर्चना पाटिल (एनसीपी) बनाम ओमप्रकाश राजेनिंबालकर (शिवसेना यूबीटी)। 2019 के चुनावों में ओमराजे निंबालकर और राणा जगजीतसिंह पाटिल के बीच मुकाबला हुआ, जो चचेरे भाई हैं। अब जबकि पाटिल की पत्नी मैदान में हैं,पारिवारिक लड़ाई जारी है, जिसमें जीजा और साली एक-दूसरे के आमने-सामने थे। विजेता : ओमप्रकाश राजेनिंबालकर
हाई प्रोफाइल भिड़ंत
बेंगलुरू ग्रामीण (कर्नाटक) : सीएन मंजूनाथ (भाजपा) बनाम डीके सुरेश (कांग्रेस)। मंजूनाथ पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के दामाद, जबकि डीके सुरेश कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई हैं।
विजेता : सीएन मंजूनाथ
गोगोई बनाम गोगोई
जोरहाट (असम) : तपन गोगोई (भाजपा) बनाम गौरव गोगोई (कांग्रेस)। तपन गोगोई इस सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस ने हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार और लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई को मैदान में उतारा, जो तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके तरुण गोगोई के बेटे हैं। विजेता : गौरव गोगोई (कांग्रेस)
चचेरी बहन बनाम चचेरा भाई
कडप्पा (आंध्र प्रदेश) : वाई.एस. शर्मिला रेड्डी (कांग्रेस) बनाम वाई.एस. अविनाश रेड्डी (वाई.एस.आर.सी.पी.)। आंध्र के सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन और वाई.एस.आर. तेलंगाना पार्टी की प्रमुख वाई.एस. शर्मिला ने इस साल जनवरी में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था। इस चुनाव में उनका मुकाबला अविनाश रेड्डी से था। विजेता : अविनाश रेड्डी
पिता के हमनाम से मुकाबला
सारण (बिहार) : रोहिणी आचार्य (राजद) बेटी लालू प्रसाद यादव की टक्क र अपने पिता के हमनाम आरजेपी के लालू प्रसाद यादव से थी। भाजपा के राजीव प्रताप रूड़ी भी तीसरी बार यहां से अपनी किस्मत अजमा रहे थे। एक स्थानीय किसान, लालू प्रसाद यादव ने राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था। विजेता : राजीव प्रताप रूड़ी