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वाशिंगटन। अमेरिका में सैन मेटो काउंटी बोर्ड ऑफ एजुकेशन ने छात्रों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की लत लगाने और मानसिक स्वास्थ्य संकट पैदा करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है। शिकायत में फेसबुक और इंस्टाग्राम के अलावा गूगल, टिकटॉक और स्नैप चैट को भी शामिल किया है।
– आरोप- ये प्लेटफॉर्म बच्चों को स्क्रीन पर चिपके रहने को मजबूर करते हैं
सैन मेटो के शिक्षा बोर्ड का कहना है कि ये प्लेटफॉर्म अपने अभूतपूर्व संसाधनों के जरिए बच्चों को स्क्रीन पर चिपके रहने को मजबूर करते हैं। इससे मनोवैज्ञानिक समस्याएं पैदा हो रही हैं। इस मामले पर मेटा के ग्लोबल हेड ऑफ सेफ्टी एंटिगोन डेविस ने कहा कि कंपनी चाहती है कि किशोर ऑनलाइन सुरक्षित रहें और पर्यवेक्षण और आयु सत्यापन तकनीक सहित बच्चों और परिवारों के लिए 30 से अधिक सुरक्षा उपकरण प्रदान करते हैं। डेविस ने एक बयान में कहा कि जब किशोर इंस्टाग्राम से जुड़ते हैं तो हम स्वचालित रूप से उनके खातों को निजी कर देते हैं और हम उन्हें नियमित ब्रेक लेने के लिए प्रोत्साहित करने वाली सूचनाएं भेजते हैं। हम ऐसी सामग्री की अनुमति नहीं देते हैं जो आत्महत्या, खुद को नुकसान पहुंचाने या खाने के विकारों को बढ़ावा देती है और ऐसी कोई सामग्री यदि उनसे प्रसारित हो जा जाए तो उसकी पहचान कर उसे हम हटाते हैं या उस पर कार्रवाई करते हैं।
मेटा के अरबपति मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने पिछले स्कूल सुधार कार्यक्रम में लगभग एक दशक पहले सैन फ्रांसिस्को क्षेत्र के स्कूलों को 120 मिलियन डॉलर का योगदान दिया था। अब 116 पन्नों की शिकायत में फेसबुक और इंस्टाग्राम को पब्लिक नुइसेंस बताया गया है। साथ ही मेटा और अन्य कंपनियों पर धोखाधड़ी, घोर लापरवाही, साजिश और अनुचित प्रतिस्पर्धा का आरोप लगाया गया है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें वयस्क और किशोर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो बनाते हुए मौत का शिकार हुए हैं। वहीं अमेरिका में एक मुकदमे के मुताबिक, 16 वर्षीय एक लड़के ने टिकटॉक का उपयोग करते करते आत्महत्या कर ली। इसके बाद टिकटॉक (बाइटडांस मूल कंपनी) पर उसके माता-पिता ने मुकदमा दायर दिया और आरोप लगाया गया है कि टिकटॉक ने उनके बेटे को आत्महत्या, निराशा और खुदकुशी से संबंधित 1,000 से अधिक वीडियो भेजे।