ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ‘उद्यमी मित्र’ प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों और सरकारी मशीनरी के बीच सेतु की तरह काम करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास करेंगे। यदि स्थानीय स्तर पर उद्यमियों की समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो ‘उद्यमी मित्र’ उसकी जानकारी विभाग और शासन स्तर पर देंगे। योगी ने यहां लोकभवन में 102 ‘उद्यमी मित्रों’ को नियुक्ति पत्र दिए।
उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री फेलोशिप से जुड़े युवा ‘आकांक्षा’ विकास खंडों में शासन की तीसरी आंख की तरह कार्य करते हैं, ‘उद्यमी मित्रों’ को भी उसी तरह काम करना होगा। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी ने उद्यमियों से न सिर्फ प्रदेश में और अधिक निवेश की अपील की, बल्कि उन्हें कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कोष से प्रदेश के युवाओं के कौशल विकास में योगदान करने के लिए भी प्रेरित किया। इस अवसर पर विभिन्न उद्यमियों ने भी प्रदेश में कानून-व्यवस्था में सुधार के साथ एकल खिड़की निपटान जैसी सुविधाओं की सराहना की। प्रमुख ‘उद्यमी मित्रों’ ने भी प्रशिक्षण के अनुभव मुख्यमंत्री के साथ साझा किए।
योगी ने कहा कि हमारे 100 से अधिक ‘उद्यमी मित्र’ यहां चयनित हुए हैं। आपने 14 दिन के प्रशिक्षण के साथ ही कुछ औद्योगिक स्थलों का निरीक्षण भी किया है। आप जीवन की नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। आप इन कार्यक्रमों के जरिए उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने में पूरी मजबूती से योगदान देंगे। उन्होंने ‘उद्यमी मित्रों’ से कहा कि प्रत्येक माह आपके कार्यों का मूल्यांकन होगा। तीन वर्ष के सफलतम कार्यकाल के बाद जो भी ‘उद्यमी मित्र’ औद्योगिक विकास से जुड़े हुए या विभिन्न प्राधिकरण या शासन की किसी भी सेवा से जुड़ने का इच्छुक होगा, तो उसे उम्र में छूट के साथ ही विशेष वरीयता दी जाएगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस साल फरवरी में आयोजित किए गए ‘उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन’ में मिले 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को अमलीजामा पहनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने 100 से अधिक ‘उद्यमी मित्रों’ का मई माह में चयन किया था।
अब जेलें बनीं सुधार गृह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों को अब सुधार गृह के नए नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को नया कारागार अधिनियम तैयार करने का निर्देश दिया है। सीएम ने अधिकारियों से जेल सुधार कार्यक्रम के तहत राज्य में खुली जेल स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा। योगी ने कहा कि खूंखार अपराधियों और आतंकियों के लिए हाई सिक्योरिटी बैरक बनाए जाएंगे। जेल प्रशासन के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जेल अधिनियम 1894 का उद्देश्य अपराधियों को अनुशासित तरीके से हिरासत में रखना है, लेकिन हमें उनमें सुधार और पुनर्वास पर ध्यान देना होगा। सीएम ने जेलों में मोबाइल और अन्य प्रतिबंधित सामान पकड़े जाने के मामलों में कड़ी कार्रवाई के प्रावधान का निर्देश जारी किया है। सीएम योगी ने कहा कि हमें भविष्य को ध्यान में रखते हुए नए अधिनियम को लागू करने की आवश्यकता है।
राज्य कैबिनेट ने हाल ही में एक नए जेल मैनुअल को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि जेलों में 4200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ड्रोन कैमरों को वीडियो वॉल के साथ जोड़ कर निगरानी की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में आदर्श कारागार अधिनियम 2023 तैयार किया गया है। कैदियों के सुधार और पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए यह मॉडल अधिनियम बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि ‘ओपन जेल’ की स्थापना लाभकारी साबित हो सकती है।
वर्तमान समय में लखनऊ में सेमी ओपन जेल संचालित है, ओपन जेल की स्थापना के लिए औपचारिक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि बंदियों की सुरक्षा का आकलन, शिकायत निवारण, कारागार विकास बोर्ड, बंदियों के प्रति व्यवहार में परिवर्तन और महिला बंदियों एवं ट्रांसजेंडरों के लिए अलग आवास की व्यवस्था जैसी व्यवस्थाएं लागू की जाएं। योगी ने निर्देश दिया है कि जेलों में मोबाइल फोन जैसे प्रतिबंधित सामान के इस्तेमाल पर सख्त से सख्त सजा के प्रावधान को लागू किया जाए।
ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ‘उद्यमी मित्र’ प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों और सरकारी मशीनरी के बीच सेतु की तरह काम करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास करेंगे। यदि स्थानीय स्तर पर उद्यमियों की समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो ‘उद्यमी मित्र’ उसकी जानकारी विभाग और शासन स्तर पर देंगे। योगी ने यहां लोकभवन में 102 ‘उद्यमी मित्रों’ को नियुक्ति पत्र दिए।
उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री फेलोशिप से जुड़े युवा ‘आकांक्षा’ विकास खंडों में शासन की तीसरी आंख की तरह कार्य करते हैं, ‘उद्यमी मित्रों’ को भी उसी तरह काम करना होगा। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी ने उद्यमियों से न सिर्फ प्रदेश में और अधिक निवेश की अपील की, बल्कि उन्हें कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कोष से प्रदेश के युवाओं के कौशल विकास में योगदान करने के लिए भी प्रेरित किया। इस अवसर पर विभिन्न उद्यमियों ने भी प्रदेश में कानून-व्यवस्था में सुधार के साथ एकल खिड़की निपटान जैसी सुविधाओं की सराहना की। प्रमुख ‘उद्यमी मित्रों’ ने भी प्रशिक्षण के अनुभव मुख्यमंत्री के साथ साझा किए।
योगी ने कहा कि हमारे 100 से अधिक ‘उद्यमी मित्र’ यहां चयनित हुए हैं। आपने 14 दिन के प्रशिक्षण के साथ ही कुछ औद्योगिक स्थलों का निरीक्षण भी किया है। आप जीवन की नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। आप इन कार्यक्रमों के जरिए उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने में पूरी मजबूती से योगदान देंगे। उन्होंने ‘उद्यमी मित्रों’ से कहा कि प्रत्येक माह आपके कार्यों का मूल्यांकन होगा। तीन वर्ष के सफलतम कार्यकाल के बाद जो भी ‘उद्यमी मित्र’ औद्योगिक विकास से जुड़े हुए या विभिन्न प्राधिकरण या शासन की किसी भी सेवा से जुड़ने का इच्छुक होगा, तो उसे उम्र में छूट के साथ ही विशेष वरीयता दी जाएगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस साल फरवरी में आयोजित किए गए ‘उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन’ में मिले 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को अमलीजामा पहनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने 100 से अधिक ‘उद्यमी मित्रों’ का मई माह में चयन किया था।
अब जेलें बनीं सुधार गृह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों को अब सुधार गृह के नए नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को नया कारागार अधिनियम तैयार करने का निर्देश दिया है। सीएम ने अधिकारियों से जेल सुधार कार्यक्रम के तहत राज्य में खुली जेल स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा। योगी ने कहा कि खूंखार अपराधियों और आतंकियों के लिए हाई सिक्योरिटी बैरक बनाए जाएंगे। जेल प्रशासन के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जेल अधिनियम 1894 का उद्देश्य अपराधियों को अनुशासित तरीके से हिरासत में रखना है, लेकिन हमें उनमें सुधार और पुनर्वास पर ध्यान देना होगा। सीएम ने जेलों में मोबाइल और अन्य प्रतिबंधित सामान पकड़े जाने के मामलों में कड़ी कार्रवाई के प्रावधान का निर्देश जारी किया है। सीएम योगी ने कहा कि हमें भविष्य को ध्यान में रखते हुए नए अधिनियम को लागू करने की आवश्यकता है।
राज्य कैबिनेट ने हाल ही में एक नए जेल मैनुअल को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि जेलों में 4200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ड्रोन कैमरों को वीडियो वॉल के साथ जोड़ कर निगरानी की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में आदर्श कारागार अधिनियम 2023 तैयार किया गया है। कैदियों के सुधार और पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए यह मॉडल अधिनियम बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि ‘ओपन जेल’ की स्थापना लाभकारी साबित हो सकती है।
वर्तमान समय में लखनऊ में सेमी ओपन जेल संचालित है, ओपन जेल की स्थापना के लिए औपचारिक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि बंदियों की सुरक्षा का आकलन, शिकायत निवारण, कारागार विकास बोर्ड, बंदियों के प्रति व्यवहार में परिवर्तन और महिला बंदियों एवं ट्रांसजेंडरों के लिए अलग आवास की व्यवस्था जैसी व्यवस्थाएं लागू की जाएं। योगी ने निर्देश दिया है कि जेलों में मोबाइल फोन जैसे प्रतिबंधित सामान के इस्तेमाल पर सख्त से सख्त सजा के प्रावधान को लागू किया जाए।