ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। विश्व के सबसे धनी उद्योगपतियों में शुमार अमेरिका के एलन मस्क 21 और 22 अप्रैल को भारत की अपनी पहली यात्रा पर आने वाले हैं। देशभर की उद्योग कंपनियों, खासतौर पर ईवी बनाने वाले उद्योग समूहों की नजर मस्क के दौरे पर टिकी हुई है ं।
माना जा रहा है कि वह कुछ बड़ी इन्वेस्टमेंट की घोषणाएं करेंगे। एलन मस्क पीएम मोदी से भी मिलेंगे। वह अपनी दो कंपनियों, इलेक्टि्रक कारें बनाने वाली टेस्ला और सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक का काम भारत में शुरू करना चाहते हैं। कयास लग रहे हैं कि मस्क भारत में 2 से 3 बिलियन डॉलर के इन्वेस्टमेंट की घोषणा कर सकते हैं।
कैसे साफ हुआ मस्क का रास्ता?
भारत में ईवी पर इंपोर्ट टैक्स 100 फीसदी था। मस्क इसमें रियायत चाहते थे। भारत सरकार ने ईवी पॉलिसी को मंजूरी दी। टैक्स 100 से घटाकर 15 फीसदी कर दिया बशर्ते कंपनी भारत में कम से कम 500 मिलियन डॉलर इन्वेस्ट करे और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाए। इससे मस्क का रास्ता साफ हुआ।
भारत के लिए क्या बदल जाएगा?
भारत में टाटा, एमजी मोटर्स, महिंद्रा मुख्य तौर पर इलेक्टि्रक कार कंपनियां हैं। पैसेंजर व्हीकल सेल में दो फीसदी ही ईवी का सेगमेंट है। भारत अपने मैन्युफैक्चरिंग मार्केट को मजबूत करना चाहता है। टेस्ला यूनिट लगाता है तो ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट को पंख लगेंगे। टेस्ला ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स से डील की है कि वह उससे अपने दुनिया भर के ऑपरेशन के लिए सेमीकंडक्टर चिप लेगी यानी टेस्ला भारत में सप्लाई चेन की भी इच्छुक हैं। टेस्ला भारत में मॉडल 2 की कारें बनाएगी। इसकी कीमत 25 लाख रुपये के करीब हो सकती है।
टेस्ला से क्या फायदा होगा?
टेस्ला की सेल में गिरावट दर्ज की गई है। सालाना कमाई भी पिछले दो साल से घटी है। इसकी वजह ये है कि उसे चीनी और यूरोपियन कंपनियों से कड़ी टक्क र मिल रही है। टेस्ला भारत आती है तो उसे नया कंज्यूमर बेस मिलेगा।
स्टारलिंक के लिए दिक्क तें?
स्टारलिंक भी भारतीय सैटकाम मार्केट में आने का सपना 2022 से देख रही है लेकिन कानूनी अड़चनें सामने आ गईं। 2023 में टेलिकॉम एक्ट पास कर भारत सरकार ने कुछ अड़चनें दूर की हैं। अब सरकार ने कहा है कि स्टारलिंक को लाइसेंस देने का रास्ता साफ हो गया है। बस गृह मंत्रालय की मंजूरी बाकी है।
भारत में स्टारलिंक की एंट्री लगभग तय है। इससे लोगों को सैटेलाइट आधारित इंटरनेट मिलेगा।
स्पेसX के लिए क्या संभावनाएं हो सकती हैं?
स्पेस X सस्ती दरों पर स्पेस में सैटेलाइट भेजने का काम करती है। 2023 में इंडियन स्पेस पॉलिसी आई। सरकार ने इस सेक्टर में एफडीआई नियमों को भी आसान बनाया है। ऐसे में भारत में स्पेस एक्स की एंट्री के रास्ते में भी कोई बड़ी अड़चन नहीं है।