शिवाजीनगर। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में जी-20 सदस्य देशों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक हुई। बैठक में मंत्रियों, आमंत्रित देशों और यूनिसेफ, यूनेस्को के साथ-साथ ओईसीडी जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित 80 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी दी। इस अवसर पर केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव संजय मूर्ति व केंद्रीय स्कूल शिक्षा मंत्री संजय कुमार और अन्य उपस्थित भी थे। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऑडियो संदेश प्रसारित किया गया। इसमें उन्होंने कहा कि शिक्षा न केवल हमारी संस्कृति की नींव है, बल्कि यह वह वास्तुकार भी है जो हमारी मानवता के भविष्य को आकार देती है। उन्होंने केंद्र सरकार की ‘साक्षरता और संख्यात्मकता, दोनों में दक्षता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय पहल’ या ‘निपुण भारत’ अभियान का उल्लेख किया और संतोष व्यक्त किया कि जी-20 देशों ने भी प्राथमिकता के रूप में ‘बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता’ पर मुहर लगाई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे पर समयबद्ध तरीके से यानी 2030 तक काम किया जाना चाहिए।
दीक्षा पोर्टल से 137 मिलियन लोगों ने कोर्स पूरा किया
पीएम के संदेश में यह भी बताया गया कि ई-लर्निंग सिस्टम का उद्देश्य सुशासन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना होना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में केंद्र सरकार द्वारा की गई गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म ‘स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स‘ या ‘स्वयं’ का जिक्र किया। दीक्षा पोर्टल 29 भारतीय और 7 विदेशी भाषाओं में शिक्षा प्रदान करता है और अब तक 137 मिलियन से अधिक इस पोर्टल के माध्यम से कोर्स पूरा कर चुके हैं। इससे पूर्व शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उद्घाटन सत्र में शिक्षा मंत्रियों, जी-20 देशों के प्रतिनिधियों और यूनेस्को, यूनिसेफ व आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने इस अवसर पर जी-20 में भारत की अध्यक्षता के दौरान सभी के लिए शिक्षा की पहुंच, गुणवत्ता और परिणामों में सुधार के लिए शिक्षा पर कार्य समूह की साझा प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2023 में जी20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक के नतीजों, नीति निर्देशों और प्रतिबद्धताओं का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
जी-20 की अगली अध्यक्षता ब्राजील को
धर्मेंद्र प्रधान ने ब्राजील को जी-20 अध्यक्ष के रूप में अगले कार्यकाल के लिए भारत के समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वह शिक्षा चुनौतियों का समाधान करने और जी-20 शिक्षा कार्य समूह मंच को सकारात्मक बदलाव का स्वर्ग बनाने के लिए ब्राजील के साथ काम करने के लिए तैयार हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जी-20 भारत की अध्यक्षता के दौरान सहयोगात्मक कार्रवाई मंत्रीस्तरीय भागीदारी से आगे बढ़ गई है और इसमें स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में फैले 5 करोड़ हितधारकों की भागीदारी देखी गई है।
उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम ्की अवधारणा ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना का प्रतीक है।जी20 सदस्य देशों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक