चेन्नई। डा. एसएस बद्रीनाथ विट्रो रेटिनल सर्जरी विशेषज्ञता वाले देश के पहले डॉक्टर थे। उनके द्वारा स्थापित शंकर नेत्रालय को भारत के सबसे बड़े धर्मार्थ नेत्र अस्पतालों में से एक के तौर पर पहचाना जाता है।
डा. बद्रीनाथ से जुड़ी खास बातें
डा. बद्रीनाथ का जन्म 24 फरवरी 1940 को ट्रिप्लिकेन, चेन्नई में हुआ। आधिकारिक साइट के अनुसार, उन्होंने मद्रास मेडिकल कॉलेज से मेडिसिन की पढ़ाई की। उन्होंने 1963 और 1968 के बीच ग्रासलैंड हॉस्पिटल, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल स्कूल और ब्रुकलिन आई एंड ईयर इन्फर्मरी में नेत्र विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की।
– 1983 में पद्मश्री, 1999 में पद्म भूषण से नवाजा गया था
अमेरिका में डा. बद्रीनाथ की मुलाकात डा. वसंती से हुई। उन्होंने 1970 तक डा. चार्ल्स एल शेपेंस के अधीन मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर इन्फर्मरी, बोस्टन में काम करना शुरू किया और लगभग एक साथ रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स (कनाडा) के फेलो और नेत्र विज्ञान में अमेरिकन बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की।
1970 में डॉक्टर अपने परिवार के साथ भारत आ गये। उन्होंने छह साल की अवधि तक स्वैच्छिक स्वास्थ्य सेवाओं, अड्यार में एक सलाहकार के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने एच.एम. में नेत्र विज्ञान और विट्रो रेटिनल सर्जरी में अपना निजी प्रैक्टिस सेंटर खोला। उन्हें 1983 में पद्मश्री और 1999 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था। डा. एसएस बद्रीनाथ की पहचान देश के पहले विट्रो रेटिनल सर्जरी विशेषज्ञ के रूप में रही है।