ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सूरत में दुनिया के सबसे बड़े ऑफिस कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। 67 लाख वर्ग फुट में फैले इस कॉम्प्लेक्स को सूरत डायमंड बोर्स के नाम से जाना जाएगा। यह अंतरराष्ट्रीय हीरे और आभूषण व्यवसाय के लिए दुनिया का सबसे बड़ा और आधुनिक केंद्र होगा।
सूरत के लोगों को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज सूरत दुनिया के टॉप 10 विकासशील शहरों में है। सूरत का स्ट्रीट फूड, कौशल विकास का काम, सब कुछ अद्भुत है। सूरत को कभी ‘सन सिटी’ के नाम से जाना जाता था, लेकिन आज यहां के लोगों ने अपनी मेहनत से इसे ‘हीरा नगरी’ बना दिया है।
उन्होंने कहा कि आज सूरत के लोगों को, यहां के व्यापारियों-कारोबारियों को दो और सौगातें मिल रही हैं। आज ही सूरत एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन हुआ है और दूसरी बड़ी बात ये हुई है कि अब सूरत एयरपोर्ट को इंटरनेशनल दर्जा मिल गया है।
पीएम मोदी ने किया रोड शो
सूरत एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने सूरत में रोड शो किया। इस दौरान पीएम मोदी से मिलने के लिए भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए।
तीन राज्यों में भारी बहुमत से जीत हासिल करने के बाद पहली बार पीएम मोदी ने गुजरात दौरा किया। इस दौरान पीएम मोदी की एक झलक के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा।
कॉम्प्लेक्स बनेगा वैश्विक केंद्र
यह कॉम्प्लेक्स कच्चे और पॉलिश किए गए हीरों के साथ-साथ आभूषणों के व्यापार के लिए एक वैश्विक केंद्र होगा। एक्सचेंज में आयात-निर्यात के लिए एक अत्याधुनिक ‘सीमा शुल्क क्लीयरेंस हाउस’, खुदरा आभूषण व्यवसाय के लिए आभूषण मॉल और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग और सुरक्षित वॉल्ट के लिए सुविधाएं शामिल होंगी।
ये सबसे बड़ी इंटरकनेक्टेड और अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन से भी बड़ी ऑफिस बिल्डिंग है। इसमें 15 मंजिलों और 9 टॉवरों वाली इस बिल्डिंग में 4500 से अधिक दफ्तर हैं।
2015 में शुरू हुआ था कंस्ट्रक्शन
सूरत डायमंड बोर्स (एसडीबी) को 3,500 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन फरवरी 2015 में शुरू हुआ था। अप्रैल 2022 में इसका काम पूरा हुआ। एसडीबी को सूरत की डायमंड इंडस्ट्री ने मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग, दोनों के लिए वन-स्टॉप हब के रूप में स्थापित किया है। सूरत दुनिया के 92 प्रतिशत नेचुरल डायमंड की मैन्युफैक्चरिंग करता है।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि पूरे देश के आर्किटेक्चर के स्टूडेंट को ये बिल्डिंग दिखानी चाहिए। पंचतत्व क्या होता है, ये दिखाने के लिए लैंडस्केप की दुनिया में जो काम करते हैं उनको भी यहां बुलाइए।
मोदी बोले कि सूरत की डायमंड इंडस्ट्री पहले से ही 8 लाख लोगों को रोजगार दे रही है और अब डायमंड बोर्स से 1.5 लाख लोगों को रोजगार मिलने वाला है।
अभी डायमंड ज्वैलरी के एक्सपोर्ट में भारत बहुत आगे हैं, लेकिन पूरी जेम्स ज्वैलरी में भारत का शेयर केवल 3.5 फीसदी है। सूरत अगर चाहे तो भारत जल्द डबल डिजिट में आ सकता है।
गिनीज बुक में नाम
इस साल अगस्त में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में इस बिल्डिंग का नाम दर्ज हुआ। यह इमारत 35.54 एकड़ में फैली है। इसका बिल्ड अप एरिया 67 लाख वर्ग फीट है। पेंटागन का बिल्ड अप एरिया 65 लाख वर्ग फीट है।
प्लेटिनम रैंकिंग मिली
सूरत में बने इस मेगास्ट्रक्चर में 9 ग्राउंड टावर और 15 मंजिल हैं। नौ रेक्टेंगुलर टावर एक सेंट्रल स्पाइन से जुड़े हुए हैं। इसमें 300 वर्ग फीट से 1 लाख वर्ग फीट तक के 4,500 से ज्यादा ऑफिस स्पेस हैं। इस इमारत को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल से प्लेटिनम रैंकिंग मिली है।
वर्टेब्रा शेप की बिल्डिंग
यह फुटबॉल स्टेडियम की तरह है। ये हाई सिक्योरिटी जोन भी है। इसके सभी ऑक्यूपेंट एक ही समय में इमारत के अंदर और बाहर आएंगे। इसीलिए वर्टेब्रा के शेप की बिल्डिंग बनाई गई है। रीढ़ की हड्डी छोटी हड्डियों की एक सीरीज से बनी होती है जिन्हें वर्टेब्रा कहा जाता है। इसी तरह यह बिल्डिंग भी एक दूसरे से जुड़ी हुई है।
हीरा व्यापार केंद्र
सूरत डायमंड बोर्स एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है, जिसे कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत बनाया गया है।
इसे हीरा व्यापार केंद्र के रूप में विकसित किया गया है, जिसका वीडियो पीएम मोदी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर कर चुके हैं।
सबसे बड़ा रेडियंट कूलिंग प्लांट
डायमंड बोर्स में देश का सबसे बड़ा रेडियंट कूलिंग प्लांट लगाया गया है। इससे इमारत के अंदर का तापमान बाहर के तापमान से 5 डिग्री सेल्सियस कम होगा।
यहां पॉलिश डायमंड, स्टडेड ज्वेलरी, डायमंड, गोल्ड, सिल्वर, प्लेटिनम ज्वेलरी समेत हाई वैल्यू गुड्स बड़ी मात्रा में खरीदे और बेचे जा सकेंगे।
सालाना 2 लाख करोड़ का बिजनेस
सूरत की हीरा इंडस्ट्री फिलहाल सालाना 2 लाख करोड़ का बिजनेस करती है। डायमंड बोर्स के जरिए यह बिजनेस 4 लाख करोड़ रुपए का होने की संभावना है।
ये हैं सुविधाएं
ऑफिसेज के अलावा, डायमंड बोर्स कैंपस में सेफ डिपॉजिट वॉल्ट, कॉन्फ्रेंस हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, रेस्तरां, बैंक, कस्टम्स क्लीयरेंस हाउसेज, कन्वेंशन सेंटर, एग्जिबिशन सेंटर्स, ट्रेनिंग सेंटर्स, एंटरटेनमेंट एरियाज और क्लब जैसी सुविधाएं हैं। पिछले कुछ हफ्तों में कई डायमंड ट्रेडिंग कंपनियों ने यहां अपने ऑफिस शुरू कर दिए हैं।
– 15 मंजिलों वाले 9 टॉवर,
– 3500 करोड़ आया खर्च
– 4500 से अधिक दफ्तर
– सालाना 4 लाख करोड़ के बिजनेस की संभावना
– 1.5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
– भारत से डायमंड, जेम्स एंड ज्वेलरी के इंपोर्ट, एक्सपोर्ट और ट्रेडिंग को बढ़ावा देना।
– डायमंड की मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग करने वालों को अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देना।
– कटिंग, पॉलिशिंग और प्रोसेसिंग सहित डायमंड, जेम्स एंड ज्वेलरी से जुड़े बिजनेस को बढ़ाना।
– भारत को दुनिया में एक मॉडर्न डायमंड, जेम्स एंड ज्वेलरी मार्केट के रूप में विकसित करना।
– इस बिल्डिंग को 65,000 से ज्यादा डायमंड एक्सपर्ट्स का कन्वीनियंट हब बनाने का है लक्ष्य।
दिल्ली बेस्ड आर्किटेक्ट ने डिजाइन की है बिल्डिंग
इस बिल्डिंग को दिल्ली बेस्ड आर्किटेक्ट सोनाली और मनित रस्तोगी और उनकी फर्म मॉर्फोजेनेसिस ने डिजाइन किया है। मनित रस्तोगी ने बिल्डिंग के स्ट्रक्चर और इसे बनाने की चुनौती पर कहा- बिल्डिंग को बनाने की सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि एक ऐसी इमारत कैसे डिजाइन की जाए जिसमें लगभग 65,000 लोग आ-जा सकें।