ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की एक और मुराद जल्द पूरी होगी। यहां आने वाले श्रद्धालु रामलला के दर्शन के साथ ही गर्भगृह की परिक्रमा भी पूरी कर सकेंगे। इसके लिए 800 मीटर लंबा दर्शन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इस कॉरिडोर की चौड़ाई 14 मीटर होगी। राम मंदिर का निर्माण कर रही संस्था एलएंडटी को कहा गया है कि दर्शन कॉरिडोर का निर्माण भी तेजी से किया जाए।
मजदूरों की संख्या बढ़ाने का निर्देश
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कंपनी को मजदूरों की संख्या बढ़ाकर मंदिर का निर्माण हर हाल में दिसंबर 2024 तक पूरा करने को कहा है। परकोटा के बेसमेंट का निर्माण पूरा हो गया है। इसी के साथ इस पर बनने वाले दर्शन कॉरिडोर का निर्माण भी शुरू हो गया है।
गर्भगृह की परिक्रमा की अभी कोई व्यवस्था नहीं
दर्शन कॉरिडोर का निर्माण पूरा होने पर श्रद्धालु रामलला के चारों तरफ की परिक्रमा कर सकेंगे। मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि इस समय श्रद्धालु रामलला के केवल दर्शन कर रहे हैं। गर्भगृह की परिक्रमा की कोई व्यवस्था नहीं है। परकोटा के निर्माण के बाद लोग पूरे मंदिर के भवन की परिक्रमा कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस कॉरिडोर में 6 देवी-देवताओं के मंदिर के निर्माण में भी तेजी से काम चल रहा है।
प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु
उन्होंने बताया कि अभी प्रतिदिन लगभग एक लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने आ रहे हैं।
क्या है परिक्रमा का महत्व?
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मंदिर में पूजा के बाद भगवान की परिक्रमा करने से ईश्वर की कृपा बनी रहती है और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों के दुख-संकट दूर करते हैं। मंदिर में परिक्रमा हमेशा घड़ी की सुई की दिशा में लगाई जाती है, जिसे मंत्रों के उच्चारण के साथ लगभग 3 बार में पूरा किया जाता है, जब भक्त ऐसा करते हैं तो उनका दाहिना भाग गर्भगृह के अंदर देवता की ओर होता है। परिक्रमा करने से सकारात्मक ऊर्जा शरीर में प्रवेश करती है। इस ऊर्जा को जब आप घर लेकर जाते हैं तो घर से नकारात्मक ऊर्जा चली जाती है।
सावन मेले में बढ़ेगी बसों की संख्या
परिवहन निगम सावन झूला मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बसों की संख्या बढ़ाएगा। ये बसें अयोध्या से जुड़ने वाले विभिन्न मार्गों पर उतारी जाएंगी। मेला 19 अगस्त तक चलेगा।
एआरएम अयोध्या आदित्य प्रकाश ने बताया मेले के लिए कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। अस्थायी बस स्टेशन बालू घाट पर बनाया जाएगा। मेले में आसपास के जिलों से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना के मद्देनजर गोंडा, बहराइच, बस्ती, गोरखपुर, रायबरेली, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर सहित अन्य जिलों से भी बसों का संचालन किया जा सकता है।