संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव करते हुए ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। क्रेडिट कार्ड धारक अब अपनी सुविधा के अनुसार कार्ड के बिलिंग चक्र में एक से अधिक बार बदलाव कर पाएंगे। पहले बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं केवल एक बार ही ऐसा करने का मौका देती थीं लेकिन आरबीआई ने यह सीमा हटाने को कहा है। केंद्रीय बैंक ने हाल ही में इस नियम को लागू किया है।
ग्राहकों पर ऐसे पड़ेगा असर
अब तक केवल क्रेडिट कार्ड कंपनियां ही तय करती थीं कि ग्राहक को जारी किए गए क्रेडिट कार्ड का बिलिंग चक्र क्या होगा। इससे कभी-कभी ग्राहकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन आरबीआई द्वारा नियम जारी होने के बाद ग्राहक अपनी मर्जी के मुताबिक एक बार से अधिक क्रेडिट कार्ड के बिलिंग चक्र/अवधि को अपने हिसाब से बदल सकते हैं।
क्या होता है बिलिंग चक्र
किसी ग्राहक का क्रेडिट कार्ड का कुल बिल (स्टेटमेंट) हर महीने की छह तारीख को आता है। ऐसे में उसका बिलिंग चक्र उस महीने की सात तारीख से शुरू होगा और अगले महीने की छह तारीख को समाप्त होगा। इस 30 दिन अवधि के दौरान क्रेडिट कार्ड से किए गए सभी लेन-देन क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में दिखाई देंगे। इसमें कार्ड से किए गए सभी भुगतान, नकद निकासी, क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की जानकारी होती है। बिल की यह अवधि कार्ड के प्रकार और क्रेडिट कार्ड प्रदाता के मुताबिक 27 दिन से लेकर 31 दिन तक हो सकती है।
बिल भुगतान की तिथि भी बदल जाएगी
यदि कोई ग्राहक अपने बिलिंग चक्र में बदलाव करता है तो उसकी क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की देय तिथि भी बदल जाएगी। यह देय तिथि स्टेटमेंट की तारीख से 15 से 20 दिनों के बाद की हो सकती है। इसका मतलब यह है कि ग्राहक को 45 से 50 दिनों तक की ब्याज मुक्त अवधि मिलती है, जिसमें बिलिंग चक्र के 30 दिन और देय तिथि तक 15-20 दिन शामिल होते हैं। इस समय सीमा के भीतर भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
न्यूनतम देय बकाया चुकाने से भी बचें
बैंक बिल का पूरा बकाया चुकाने के बजाए न्यूनतम भुगतान का विकल्प भी देते हैं। लेकिन वे ग्राहकों को यह नहीं बताते हैं कि ऐसा करने से न केवल वर्तमान बिलिंग चक्र में बकाया राशि पर ब्याज लगता है, बल्कि बाद के बिलिंग चक्र में किए गए अन्य सभी लेनदेन पर ब्याज मुक्त अवधि खत्म हो जाएगी।
इसका मतलब यह है कि नियत तारीख के बाद किए गए सभी लेनदेन पर तब तक ब्याज लगता है जब तक कि कुल बकाया राशि पूरी तरह से चुका नहीं दी जाती। विशेषज्ञ कहते हैं कि इससे बचने के लिए देय तिथि तक पूरा बिल चुकाना ही सबसे अच्छा रहता है।
कुछ और खासियतें
– ग्राहक अपनी सुविधा और पर्याप्त नकदी के अनुसार बिल भुगतान की तारीख तय कर सकते हैं।
– क्रेडिट कार्ड में ब्याज मुक्त अवधि को अधिकतम कर सकते हैं।
– अलग-अलग क्रेडिट कार्ड का एक ही तारीख पर भुगतान कर सकते हैं।
ऐसे करें बदलाव
– इसके लिए सबसे पहले पिछला सारा बकाया चुकाना होगा।
– इसके बाद क्रेडिट कार्ड कंपनी को फोन या ईमेल के जरिए बिलिंग चक्र में बदलाव करने के लिए कहना होगा।
– कुछ बैंकों में आप मोबाइल एप के माध्यम से भी ये बदलाव कर सकते हैं।