ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अठारहवीं लोकसभा के 251 यानी 46 फीसदी नवनिर्वाचित सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें से 170 यानी 31 प्रतिशत पर दुष्कर्म, हत्या, हत्या प्रयास, अपहरण व महिलाओं के विरुद्ध अपराध समेत गंभीर मामले दर्ज हैं। 27 को दोषी भी ठहराया गया है। यह दावा एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में किया है। निचले सदन में चुने गए आपराधिक मामलों वाले सांसदों की यह सबसे अधिक संख्या है। रोचक तथ्य यह है कि साफ-सुथरी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार की जीत की उम्मीद महज 4.4 फीसदी है, जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी की उम्मीद 15.3 फीसदी है। एडीआर के मुताबिक, चार सांसदों पर हत्या और 27 पर हत्या के प्रयास के मामले हैं। 15 सांसदों के खिलाफ महिलाओं से जुड़े अपराध के मामले हैं। इनमें से दो दुष्कर्म के आरोपी हैं।
भाजपा के 240 में से 94 यानी 39 फीसदी सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है। कांग्रेस के 49 सांसदों व सपा के 21 सांसदों के खिलाफ आपराधिक केस हैं।