ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली बिल पर केंद्र के अध्यादेश का समर्थन किया था। उनका कहना था कि दिल्ली के लिए यह अध्यादेश बिल्कुल सही है। यह संविधान के हिसाब से शक्तियों का बंटवारा कर रहा है।
विपक्षी दलों के गठबंधन को भले ही एनडीए विरोधी दलों की एकता का प्रतीक कहा जा रहा है कि लेकिन राज्यों में इनके अपने-अपने हित हैं और ये दल इन्हीं को लेकर एक-दूसरे का विरोध कर रहे हैं। विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में फूट की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। पश्चिम बंगाल के बाद अब दिल्ली में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का विरोध कर दिया।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि दिल्ली का जो दर्जा है, उस हिसाब से इस अध्यादेश को पास होना ही चाहिए, जिसमें कोई गलत बात नहीं है। अगर दिल्ली को शक्ति देनी है, तो इसे पूरा राज्य बनाएं। यह अध्यादेश उन्हीं शक्तियों का बंटवारा उसी तरह कर रहा है, जो दिल्ली की संवैधानिक संशोधन और दिल्ली अधिनियम की मूलभावनाओं में था, इसलिए इस बिल का विरोध करना गलत है।
उन्होंने कहा कि हम सभी को पता है कि बीजेपी के पास बहुमत है, ऐसे में यह बिल बिल्कुल पास होगा। बिल दिल्ली की स्थिति के मुताबिक था। मैं बार-बार इस बात को उठा रहा हूं।