ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। औद्योगिक शराब और नशीली शराब को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों की संविधान पीठ में चल रही बहस को अचानक सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने रोक दिया। केंद्र की ओर से दलीलें दे रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को बीच में रोक कर सीजेआई ने कहा कि आपके युवा जूनियर वकील हर दिन लैपटॉप लेकर खड़े रहते हैं। मैंने कोर्ट मास्टर को कहा है कि वो लंच के समय आपके पीछे स्टूल आदि लगा दें ताकि वो भी बैठ सकें। इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वो भी ये देख रहे हैं।
सब हैरान रह गए
उन्होंने कोर्ट रूम में बैठे वकीलों से आग्रह किया कि जो इस केस से जुड़े नहीं हैं वो इन वकीलों के लिए कुर्सी खाली कर सकते हैं लेकिन लंच के बाद जब अदालत में फिर से मामले की सुनवाई हुई तो सब हैरान रह गए।
बैठने का इंतजाम करने के निर्देश
कोर्टरूम में बाकायदा इन वकीलों के लिए स्टूल लगाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक लंच के समय सीजेआई चंद्रचूड़ ने सबसे पहले युवा वकीलों के बैठने के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं स्टूल लगाने के बाद कोर्ट शुरू होने से पहले ही सीजेआई डॉयस के बजाए कोर्टरूम में वकीलों की जगह पर पहुंच गए। उन्होंने खुद ही पहले इन स्टूल पर बैठकर देखा कि इन युवा वकीलों को इन पर बैठने में किसी तरह की दिक्क त तो नहीं होगी। वो ठीक तरीके से कोर्ट कार्रवाई को देख पाएंगे या नहीं। साथ ही एसजी मेहता की केस में सहायता में कोई दिक्क त तो नहीं होगी।
सीजेआई उदारता के प्रतीक : तुषार मेहता
एसजी तुषार मेहता ने कहा, सीजेआई उदारता के प्रतीक हैं। आज का कदम न केवल अभूतपूर्व है बल्कि सभी अदालतों द्वारा इसका पालन करने की आवश्यकता है। न्यायिक पदानुक्रम के सर्वोच्च पद पर बैठा एक व्यक्ति बिना किसी के बताए भी युवा वकीलों की परेशानी के प्रति इतना असाधारण रूप से विचारशील है, वह सलाम के योग्य है। आज सभी युवा वकीलों के पास आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं थे, मैं अभिभूत हूं।