विनोद शील
नई दिल्ली। भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान के अंतर्गत चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी। इसरो की ओर से कहा गया कि लॉन्चिंग 14 जुलाई को 2:35 बजे की जाएगी। इस बार चंद्रयान-3 के इंजन में बड़ा बदलाव किया गया है ताकि चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह पर उतरने से कुछ पल पूर्व ही जो कड़वा अनुभव दिया और हमारी आशाओं को चकनाचूर किया था, वैसा अब फिर न हो।
ज्ञात हो कि चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग की वजह से क्रैश हो गया था। इसरो ने 2008 में चंद्रयान-1 लांच किया था। यह मिशन सफल रहा था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब इतिहास रचने को तैयार है। वो घड़ी आ गई है जब भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग कर सकता है। मिशन सफल रहा तो इंडिया ऐसा चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले चीन, अमेरिका, रूस चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट की सफल लैंडिंग करा चुके हैं। चांद के लिए इसरो का यह तीसरा मिशन है इसीलिए इसे चंद्रयान-3 नाम दिया गया है।
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 14 जुलाई को 2:35 पर होगी, सभी परीक्षण सफल रहे
इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 12 से 19 जुलाई के बीच किसी भी दिन हो सकती है क्योंकि लॉन्च विंडो 19 जुलाई तक खुली रहेगी। यानी किसी तरह की दिक्क त आने पर इन 7 दिनों के भीतर किसी भी दिन इसे लॉन्च किया जा सकता है। चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट से चंद्रमा पर भेजा जाएगा। यह देश का सबसे हैवी लांच व्हीकल है जिसे ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है।
पीएम मोदी कहते हैं कि विज्ञान में केवल प्रयोग होते हैं जिनसे हमेशा कुछ न कुछ नतीजा निकलता है। हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में अभी भी सर्वश्रेष्ठ आना बाकी है और भारत अपने वैज्ञानिकों के साथ है। यह उद्गार उन्होंने चंद्रयान-2 मिशन के अवसर पर व्यक्त किए थे।