ब्लिट्ज ब्यूरो
लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां पूरे देश में चरम पर हैं। 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के घोषणापत्र का टाइटल है ‘भाजपा का संकल्प , मोदी की गारंटी’। साल 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने ‘संकल्प पत्र’ नाम से 50 पन्नों का घोषणापत्र जारी किया था इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, जनकल्याण, अर्थव्यवस्था, महिलाओं के सशक्तिकरण, चिकित्सा, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और कृषि जैसे मुद्दों से जुड़े 85 प्रमुख वादे किए गए थे। आज हम बात करेंगे भारतीय जनता पार्टी के उन 10 वादों के बारे में जिन पर मोदी सरकार खरी उतरी है-
1. 500 साल बाद राम मंदिर निर्माण
9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया और 5 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में मंदिर बनाने के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा कर दी थी । ठीक 6 महीने बाद 5अगस्त 2020 को अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर की आधारशिला रखी गई और 22 जनवरी 2024 को मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आम लोगों के लिए मंदिर खोल दिया गया।
2. सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लागू करना
10 दिसंबर 2019 को सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लोकसभा से और अगले दिन राज्यसभा से पारित हुआ था। 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद सीएए कानून बन गया था,लेकिन केंद्र सरकार ने 4 साल से ज्यादा समय बाद 11 मार्च 2024 को देशभर में सीएए लागू कर दिया। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया। 31 दिसंबर 2014 से पहले इन तीन देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। हालांकि सीएए को लेकर देश के मुसलमानों में शंकाएं रही हैं। कई मुस्लिम नेताओं ने इसे मुसलमानों के प्रति भेदभाव वाला कानून बताया है। मुसलमानों के एक बड़े वर्ग को डर है कि सीएए के बाद केंद्र सरकार एनआरसी लाएगी और इसके तहत उन्हंे देश से बाहर कर दिया जाएगा। मुस्लिम वर्ग का यह भी कहना है कि सीएए के तहत पड़ोसी देशों के मुस्लिम शरणार्थियों के लिए रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
3. धारा 370, 35ए को हटाने का वादा
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए के प्रभाव को खत्म कर दिया गया था। इसके तहत राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटकर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था।
इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुईं। लगभग 4 साल बाद 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले को वैध माना। हालांकि, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के निर्णय का कांग्रेस, पीडीपी, एआईएमआईएम और जेडीएस जैसे कई विपक्षी दलों ने विरोध किया।
4. तीन तलाक, निकाह-हलाला जैसी प्रथाओं को हटाने के लिए कानून
तीन तलाक और हलाला जैसी प्रथाओं के उन्मूलन के लिए मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 में लोकसभा से पारित हुआ, लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते राज्यसभा में अटक गया था। साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को 6 महीने के अंदर तीन तलाक पर कानून बनाने का निर्देश दिया था। 2019 के चुनाव के बाद सरकार ने कुछ संशोधनों के साथ तीन तलाक के बिल को फिर से सदन में पेश किया। इस बार ये बिल दोनों सदनों से पास हो गया। इस कानून के बनने से इस्लाम में तलाक के तीन तरीकों से से एक तलाक-ए-बिद्दत (एक साथ तीन तलाक कहकर शादी तोड़ना) गैरकानूनी हो गया है, इस तरह से तलाक देने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है।
5. आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति
देश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए जीरो टॉलरेंस के अपने वादे पर भाजपा खरी उतरी है। गृह मंत्रालय ने 19 दिसंबर 2023 को जम्मू-कश्मीर से जुड़ा डेटा जारी करके बताया था कि आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति से आतंकी घटनाएं कम हुई हैं। साल 2018 में 228 आतंकी घटनाएं हुई थीं, जो 2023 में घटकर 43 रह गईं। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ होने वाले एनकाउंटर में कमी आई है। साल 2018 में इनकी संख्या 189 थी, जो 2023 में घटकर 48 रह गई। हालांकि, अभी भी जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं या आतंकवादियों से मुठभेड़ की खबरें आती रहती हैं, लेकिन भाजपा ने देश और देश के बाहर आतंकवाद से जुड़ी किसी भी तरह की घटना पर अपना जीरो टॉलरेंस का रुख कायम रखा है।
6. 2024 तक 60,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण
भाजपा के इस वादे की स्थिति संतोषजनक है। देश में 2019 से 2024 तक 50,568 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया। अभी भी 9,432 किलोमीटर का लक्ष्य बाकी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में 10,237 किमी, 2020-21 में 13,327 किमी, 2021-22 में 10,457 किमी, 2022-23 में 16,547 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया।
7. देश के सभी किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि
भाजपा ने अपना ये वादा भी पूरा किया है। पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत फरवरी 2019 में की गई थी। इसके तहत छोटे और सीमांत किसानों को 3 किश्तों में हर साल 6000 रुपए देने का प्रावधान है। 28 फरवरी 2024 को पीएम मोदी ने महाराष्ट्र से योजना की 16वीं किश्त जारी की थी । कृषि मंत्रालय के मुताबिक अब तक 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 3 लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।
8. सरकारी सेवाएं, अदालतें, वित्तीय लेनदेन का डिजिटलीकरण
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत भाजपा के इस वादे की स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने 1 जुलाई 2015 को डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी। इसके बाद 2016 में सरकारी सेवाओं की जानकारी के लिए ‘नेशनल गवर्नमेंट सर्विस पोर्टल’ लॉन्च किया गया था। भारतीय न्यायिक प्रणाली को डिजिटलाइज करने के लिए साल 2005 में ‘ई-कोर्ट प्रोजेक्ट’ शुरू हुआ था। 2023 में इसका दूसरा चरण पूरा हुआ और सितंबर 2023 में केंद्र सरकार ने 7,210 करोड़ रुपए के खर्च के साथ ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तीसरे चरण को मंजूरी दी थी। इसके तहत 18,735 अदालतों को कंप्यूटराइज करने और उन्हें इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य है।
9. बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा
भाजपा ने अपना यह वादा पूरा किया है। संयुक्त राष्ट्र, जी20, ब्रिक्स, एससीओ जैसे मंचों पर भारत ने मजबूती से आतंकवाद जैसी वैश्विक समस्याओं को लेकर आपसी सहयोग की वकालत की है। नेबरहुड फर्स्ट जैसी पॉलिसी के तहत भारत ने पड़ोसी देशों से संबंध बेहतर करने की कोशिश की है। आपको बता दें कि बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने की भारत की कोशिशों की सराहना अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी की गई है।
10. संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण
भारतीय जनता पार्टी का यह चुनावी वादा पूरा हुआ कहा जा सकता है। लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए पहली बार 1996 में कोई बिल लाया गया था। 27 साल बाद 20 सितंबर 2023 में ये बिल लोकसभा से और फिर 22 सितंबर को राज्यसभा से पारित हो गया। 28 सितंबर को राष्ट्रपति ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी। इस तरह बिल लागू होने के लिए जरूरी कानूनी जरूरतें तो पूरी हो चुकी हैं|