ब्लिट्ज ब्यूरो
बेंगलूरु। उत्तर प्रदेश की तरह कर्नाटक में भी एनडीए को झटका लगा है। मोदी की गारंटियों के सहारे वर्ष 2019 जैसा प्रदर्शन दोहराने उतरी भाजपा पर प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस की सरकार की स्कीम भारी पड़ीं। महिलाओं को आर्थिक सहायता के साथ मुफ्त बस यात्रा, बेरोजगारों को भत्ता, गरीबों को मुफ्त राशन और दो सौ यूनिट तक मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं ने कांग्रेस को एक के मुकाबले नौ सीटों पर लाकर खड़ा कर दिया।
गारंटियों और स्कीमों के साथ चुनाव में जातिगत समीकरण भी हावी रहे, मगर भाजपा के हिंदुत्व और अयोध्या में राममंदिर का दांव उतना प्रभावी नहीं रहा, जिसकी उसे उम्मीद थी। इस चुनाव में खास बात यह भी रही कि कांग्रेस ने जिन नौ सीटों पर जीत दर्ज की, वर्ष 2019 में वे उसके पास नहीं थीं। इनमें से हासन सीट भी शामिल है जो पिछले चुनाव में कांग्रेस के साथ लड़ी जदएस ने जीती थी। अन्य आठ सीटें कांग्रेस ने भाजपा से छीनी हैं। हालांकि, पिछले चुनाव में जीती गई एकमात्र बंगलूरू ग्रामीण सीट कांग्रेस ने गंवा दी। यहां कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश मैदान में थे। सुरेश के लगातार तीसरी बार संसद पहुंचने के सपने को जदएस के मुखिया एचडी देवगौड़ा के दामाद और प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. सीएन मंजूनाथ ने तोड़ दिया। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े डॉ. मंजूनाथ ने ढाई लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की।
भाजपा को आठ सीटों का घाटा
पिछले चुनाव में भाजपा ने सीटें तो 25 जीती थी, लेकिन इस बार चुनाव से पहले जदएस के साथ गठबंधन होने और निर्दलीय सांसद सुमालता अंबरीश के पार्टी में शामिल होने से वह 27 के आंकड़े पर खड़ी हो गई थी। इस लिहाज से देखें तो उसे और गठबंधन को मिलाकर आठ सीटों का नुकसान हुआ। अलग-अलग कर देखें तो जदएस फायदे में रही। उसने एक सीट की बढ़त लेते हुए दो सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा आठ सीटों का नुकसान उठाते हुए 17 के आंकड़े पर पहुंच गई।
कर्नाटक के चर्चित चेहरे
बसवराज बोम्मई : बसवराज बोम्मई कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बसवराज बोम्मई कर्नाटक की हावेरी सीट से विजयी हुए। उन्होंने कांग्रेस के आनंदस्वामी गड्डादेवरमठ को 43513 मतों से मात दी। बोम्मई को कुल 705538 वोट मिले।
तेजस्वी सूर्या : तेजस्वी सूर्या बंगलूरू दक्षिण से एक बार फिर विजयी हुए। उन्होंने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी को 268077 से अधिक मतों से पराजित किया। 17वीं लोकसभा में वह बंगलूर दक्षिण से ही पहली बार लोकसभा पहुंचे। तेजतर्रार युवा नेता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य भी रहे।
प्रहलाद जोशी : केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने धारवाड़ से जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार विनोद आसूती को 97324 मतों से मात देते हुए कुल 716231 वोट हासिल किए।