ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। स्वीडिश हथियार कंपनी एसएएबी ने कहा है कि बहुत जल्द उनका एटी4 राकेट लांचर भारतीय वायुसेना के पास होगा। इस हथियार का इस्तेमाल भारतीय सेना भी करेगी। सेना ने भी इस 84 एमएम रिकॉयललेस रॉकेट लॉन्चर का ऑर्डर दिया है। यह टैंकों, बंकरों, हेलिकॉप्टरों को उड़ाने वाला रॉकेट लॉन्चर है। एटी4 दुनिया के कई देशों में 1987 से इस्तेमाल किया जा रहा है। अब तक 6 लाख से ज्यादा एटी4 रॉकेट लॉन्चर बनाए जा चुके हैं। इस रॉकेट लॉन्चर के अलग-अलग वैरिएंट्स 6.7 से 8 किलोग्राम वजनी होते हैं।
लंबाई 40 इंच : हर रॉकेट लॉन्चर की लंबाई 40 इंच होती है। इसमें 84 मिलिमीटर कैलिबर के गोले लगते है। इससे निकलने वाले रॉकेट की स्पीड 1000 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। इस लॉन्चर की कॉम्बैट रेंज 300 मीटर है। अधिकतम यह 2100 मीटर तक मार सकता है।
इसमें पांच तरह के हथियार लगाकर दाग सकते हैं-
– पहला हीट
– दूसरा है बंकर, बिल्डिंग, हल्के बख्तरबंद वाहन के लिए हाई-एक्सप्लोसिव ड्यूल परपज (एचईडीपी)।
– तीसरा है हाई पेनेट्रेशन गोले जो 24 इंच तक के फौलाद को छेद सकते हैं।
– चौथा है एंटी-स्ट्रक्चर टैंडेम वॉरहेड यानी भयानक विस्फोट करने वाले गोले।
– पांचवां है एक्सटेंडेड रेंज यानी लंबी दूरी तक मार करने वाले गोले।
इतने युद्धों में इस्तेमाल
इस राकेश लांचर का इस्तेमाल पनामा युद्ध, सोवियत-अफगान युद्ध, कुर्द-तुर्की की जंग, खाड़ी युद्ध, अफगानिस्तान युद्ध, इराक वॉर, सीरिया युद्ध में इस्तेमाल हो चुका है। यूक्रेन पर हुए रूसी हमले में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।