आस्था भट्टाचार्य
जम्मू। जम्मू कश्मीर में नागरिकों की रक्षा के साथ-साथ सेना शिक्षा के अग्रदूत की भूमिका भी निभा रही है। गुडविल स्कूल खोलने के अलावा सरकारी स्कूलों में शिक्षा ढांचे को मजबूत करने में भी वह मदद रही है। मेधावी विद्यार्थियों के लिए ‘सुपर 30’ व 50 जैसे अभियान भी चला रही है। इसके तहत होनहार कश्मीरी युवाओं को देश के नामी संस्थानों में कोचिंग दिलाकर डाक्टर, इंजीनियर बनने में मदद की जा रही है। युवाओं को खेलों व कौशल विकास के भी गुर सिखाए जा रहे हैं।
सेना की चिनार कोर ‘सही रास्ता’ कार्यक्रम में गुमराह हुए युवाओं के स्वजनों को विश्वास में लेकर मुख्याधारा में लाने के प्रयास कर रही है। सेना ने आतंकवादग्रस्त क्षेत्रों में कई स्कूल खोले हैं। सेना इस समय प्रदेश में 46 आर्मी गुडविल स्कूल चला रही है। करीब 14 हजार विद्यार्थी इनमें पढ़ाई कर रहे हैं।
– युवाओं को रोजगारपरक डिग्री, डिप्लोमा कोर्स में सेना दे रही मदद
दो हजार स्कूलों को सुविधाएं
सेना ने दो हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचा विकसित करने, कंप्यूटर, पुस्तकालय, शौचालय, खेल मैदान, खेल सुविधाओं, फर्नीचर आदि सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं। कापी, किताबें भी मुफ्त दी जाती हैं।
बांडीपोरा के मुब्बसर रसूल मेडिकल कालेज डोडा में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। मुब्बसर सेना की ‘सुपर 50’ मेडिकल का हिस्सा रहे हैं। बड़गाम के ताहिर अब्बस ‘सुपर 50’ की बदौलत आर्म्ड फोर्स मेडिकल कालेज में डाक्टर बनने की पढ़ाई कर रहे हैं। कश्मीर में ऐसे 200 से अधिक युवा हैं जो सेना की मदद से आज अपने सपनों को साकार करने की राह पर हैं। कश्मीर के युवाओं को इंजीनियर बनाने के लिए सेना के ‘सुपर 30’ अभियान की शुरुआत 2013 में हुई। बाद में ‘सुपर 30’ को ‘सुपर 50’ में बदल दिया गया। अब तक इस अभियान की मदद से 27 विद्यार्थियों को आईआईटी व 101 विद्यार्थियों को एनआईटी में दाखिला मिला है।
कामयाब शिक्षा उत्सव
हंदवाड़ा में मेगा शिक्षा उत्सव आयोजित किया। इसमें पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, बेंगलुरु और देहरादून के 20 से अधिक कालेज आए। उत्सव में हंदवाड़ा, रजवार, काजियाबाद, रफियाबाद, सोपोर और उत्तरी कश्मीर के अन्य हिस्सों के सैकड़ों विद्यार्थी पहुंचे।
600 को दिलाया दाखिला
इससे पहले सेना छह सौ से अधिक विद्यार्थियों को पैसिफिक यूनिवर्सिटी, उदयपुर, ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट, कुरुक्षेत्र, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा में दाखिले दिला चुकी।
पढ़ाई से दूर रहे 90 हजार बच्चों के हाथों में होंगी किताबें
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के 18 साल तक के 90 हजार बच्चों के हाथों में किताबें होंगी। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी को शिक्षा से जोड़ने के लिए डेढ़ साल से 26 लाख घरों में चल रहा ‘तलाश’ अभियान मार्च में पूरा हो गया है। इस दौरान करीब 90 हजार ऐसे छात्र मिले, जो कहीं भी नहीं पढ़ रहे थे। जम्मू कश्मीर समग्र शिक्षा अभियान और जी20 शिक्षा कार्यसमूह की बैठक में प्रदेश के कॉर्डिनेटर सैय्यद फैयाज ने बताया कि कोरोना समेत अन्य कारणों से शिक्षा से दूर होने वाले छात्रों की संख्या जानने के मकसद से 2021 में ‘तलाश’ अभियान शुरू हुआ था जो मार्च 2023 में पूरा हो गया। करीब 26 लाख घरों में 23 हजार शिक्षकों ने सर्वे किया और पाया कि करीब 90 हजार छात्र शिक्षा से दूर हैं। ‘तलाश’ अभियान से अलग 2023 के सत्र में एक लाख, 60 हजार नए विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है।
आगामी सत्र से नीट, जेईई, सीयूईटी की तैयारी मुफ्त : नीट, जेईई, सीयूईटी, यूपीएससी समेत अन्य राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में जम्मू-कश्मीर के छात्र बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन और शिक्षा मंत्रालय ने सरकारी स्कूलों के होनहार छात्रों को विशेष कोचिंग देने का फैसला किया है। इसका सारा खर्चा केंद्र सरकार देगी।