सिंधु झा
भारत एक शक्तिशाली स्वदेशी हथियार प्रणाली का निर्माण और विकास करने में जुट गया है। इसे भारत की एक महत्वपूर्ण रणनीतिक उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। इसे शॉर्ट रेंज-अनमैन्ड एरियल व्हीकल-वेपनाइज्ड (एसआर-यूएवी-डब्ल्यू), ‘आर्चर’ के रूप में भी जाना जाता है।
आने वाले समय में इस महत्वपूर्ण मिसाइल प्रणाली का परीक्षण किया जायेगा । ‘आर्चर’ ने उड़ान प्रदर्शन पूरा करके अपनी प्रारंभिक बाधा पार कर ली है। इससे आगामी परीक्षणों का मार्ग प्रशस्त होता है, जिसमें इसकी हथियारीकरण क्षमताओं का आकलन किया जाएगा।
मिसाइल मूल्यांकन परीक्षणों का मुख्य उद्देश्य ‘आर्चर’ की निर्धारित लक्ष्यों की ओर एंटी टैंक मिसाइलों को लॉन्च करने और निर्देशित करने की क्षमता का आकलन करना है। इन परीक्षणों में वास्तविक दुनिया के युद्ध परिदृश्यों का अनुकरण करने के लिए डमी लक्ष्यों का उपयोग होगा। इन परीक्षणों की सफलता का बहुत महत्व है। अगर ‘आर्चर’ उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करता है, तो इसे भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों में शामिल किया जा सकता है। इन बलों ने पहले ही इस यूएवी की क्षमताओं में काफी रुचि दिखाई है।
‘आर्चर’ का विकास और संभावित समावेश भारत के घरेलू रक्षा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसका परिणाम स्वदेशी हथियार प्रणाली विकास में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाएगा।
‘आर्चर’ के आगामी मिसाइल मूल्यांकन परीक्षण आशावाद का कारण है। वह भारतीय सेनाओं को एक शक्तिशाली, घरेलू रूप से निर्मित हथियार प्रणाली से लैस करने की क्षमता रखते हैं, जिससे भारत की रक्षा क्षमताएं और मजबूत होंगी।